झारखंड में आदिवासी 10% कम हुए
नई दिल्ली (वी.एन.झा)। संसद के मानसून सत्र का गुरुवार (25 जुलाई) को चौथा दिन है। दोनों सदनों में बजट पर बहस जारी है। झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि संविधान खतरे में है। हम यहां हंसने की बात करते हैं, पिछड़ों की बात करते हैं, दलितों की बात करते हैं, आदिवासियों की बात करते हैं। सभी सरकारों (चाहें केंद्र की हो या राज्य सरकारें) का एक ही लक्ष्य होता है कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना होता है।उन्होंने कहा कि मैं संथाल परगना से आता हूं। जब संथाल परगना (झारखंड) बिहार से अलग हुआ, तब यहां आदिवासी 36% थे। आज यहां आदिवासियों की पॉपुलेशन 26% है। 10% आदिवासी कहां गायब हो गए? इसके बार में ये सदन कभी चर्चा नहीं करता, चिंता नहीं करता, बल्कि वोट बैंक की पॉलिटिक्स करता है।झारखंड की सरकार की तरफ से भी इस पर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा। बांग्लादेश का घुसपैठ लगातार बढ़ रहा है। बांग्लादेश घुसपैठिए आदिवासी महिलाओं के साथ शादी कर रहे हैं। ये हिंदू-मुसलमान का मामला नहीं है। हमारे यहां जो महिला लोकसभा का चुनाव आदिवासी कोटे से लड़ती हैं, उनके पति मुसलमान हैं। जिला परिषद की अध्यक्ष के पति मुसलमान हैं। हमारे यहां 100 आदिवासी मुखिया है, उनके पति मुसलमान हैं। केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्य सभा में बताया कि UPSC, SSC, RRB और IBPS की तरफ से बीते दो साल में कराए गए एग्जाम में पेपर लीक की कोई घटना नहीं हुई है। सिर्फ 5 मई को NTA की तरफ से कराए गए NEET(UG) में कुछ गड़बड़ियों की बात सामने आई है। पंजाब के पूर्व सीएम और जालंधर से कांग्रेस सांसद ने कहा- पंजाब में सिद्धू मूसेवाला जैसे युवाओं को मारा जा रहा है। किसानों को खालिस्तानी बताया जा रहा है। मणिपुर हिंसा, हाथरस रेप केस, पहलवानों से हिंसा सब इमरजेंसी ही है।इससे पहले लोकसभा में संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा- बजट सत्र में सिर्फ बजट पर चर्चा होनी चाहिए। जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जनादेश दिया है, आप इसका अपमान करने की कोशिश कर रहे हैं। यह बिल्कुल ठीक नहीं है।रिजिजू के यह बोलते ही विपक्ष के सांसद हंगामा करने लगे। इस पर स्पीकर ओम बिरला ने सभी सांसदों से मर्यादा बनाए रखने की अपील की।
बांसुरी स्वराज का लोकसभा में दिया गया भाषण सोशल मीडिया में छाया
कल लोकसभा में बजट के दौरान पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. सुषमा स्वराज की बेटी एवं भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने बजट में हिस्सा लेते हुए टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी पर करारा हमला किया। बजट चर्चा के दौरान अभिषेक बनर्जी द्वारा असंसदीय शब्दों का प्रयोग करने पर बांसुरी स्वराज ने आपत्ति दर्ज कराते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से कहा कि अभिषेक बनर्जी के शब्दों को रिकॉर्ड की कार्यवाही से निकाला जाए। स्वराज ने कहा कि अभिषेक बनर्जी ने अपने भाषण में मिलियन और एग्जिट जैसे गैर संसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया। जो पूरी तरह गलत है। इसके लिए अभिषेक को सदन से माफी मांगनी चाहिए। इसके अलावा अभिषेक ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणी की जो स्वीकार्य नहीं है। बांसुरी स्वराज का यह भाषण सोशल मीडिया में काफी देखा और सुना जा रहा है। बांसुरी के भाषण से सुषमा स्वराज की यादें ताजा हो गईं। सुषमा स्वराज की आक्रामक भाषण शैली, वाकï्पटुता का सभी लोहा मानते थे। सुषमा स्वराज के संसद या उसके बाहर दिए गए भाषणों को लोग काफी उत्सुकता और गंभीरता से सुनते थे। बांसुरी स्वराज के भाषणों में भी अपनी मां के तेवर और आक्रामकता नजर आती है।