कांग्रेस के पूर्व विधायक के भाई को मारी थी गोली 32 साल बाद फैसला
वाराणसी। वाराणसी के अवधेश राय हत्याकांड में सोमवार को मुख्तार अंसारी को रूक्क/रूरु्र कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट का यह फैसला करीब 32 साल बाद आया है। अवधेश राय कांग्रेस के पूर्व विधायक अजय राय के भाई थे। मुख्तार अभी बांदा जेल में बंद है। सुनवाई के दौरान उसको वर्चुअली पेश किया गया। वादी पक्ष के वकील ने बताया कि कोर्ट ने मुख्तार को धारा-302 के तहत दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है।
योगीराज में माफिया मुख्तार अंसारी के आतंक के साम्राज्य पर एक और बड़ा प्रहार हुआ है। वहीं 5 जून, सोमवार का दिन योगी सरकार द्वारा प्रदेश में कानून का राज स्थापित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों में एक और बड़ी उपलब्धि के रूप में दर्ज हो गया है। योगी सरकार द्वारा विभिन्न मामलों में तेज पैरवी के चलते माफिया सरगना मुख्तार अंसारी को एक के बाद एक मामले में सजा मिल रही है। पिछले आठ माह में पांचवीं बार माफिया मुख्तार अंसारी को सजा सुनायी गयी है। उत्तर प्रदेश में कभी दहशत का पर्याय रहा माफिया अंसारी आज सपरिवार सलाखों के पीछे अपने कुकर्मों की सजा भुगत रहा है। रूक्क/रूरु्र कोर्ट के फैसले के बाद मुख्तार के वकील अखिलेश उपाध्याय ने कहा, इस फैसले में कई कमियां हैं। इसके खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे। वहीं, अभियोजन के वकील अनुज यादव ने कहा, फांसी की सजा की उम्मीद थी, लेकिन हम फैसले से संतुष्ट हैं। अगर मुख्तार पक्ष हाईकोर्ट जाएगा तो हम वहां भी इसी दम-खम के साथ केस लड़ेंगे।वाराणसी के लहुराबीर इलाके में अवधेश राय का घर था। 3 अगस्त, 1991 को दोपहर 1 बजे अवधेश अपने भाई अजय राय के साथ घर के बाहर खड़े थे। उसी वक्त अचानक मारुति वैन से 5 हमलावर पहुंचे। उन्होंने ऑटोमैटिक वेपंस से अवधेश राय पर फायरिंग की। वारदात के बाद अजय राय ने हमलावरों को पकडऩे की कोशिश की, तो वे अपनी वैन छोड़कर मौके से भाग गए। खून से लथपथ भाई को अजय राय, उसी वैन से नजदीकी कबीर चौरा अस्पताल ले गए, जिस वैन से हमलावर आए थे। वहां डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया। इस हत्याकांड की वजह वर्चस्व की जंग बताई गई थी।वहीं, फैसले के बाद अजय राय ने कहा, मेरे विधायक होने से काफी मजबूती मिली। मैं इतने बड़े माफिया के खिलाफ 32 साल से डटा रहा। मुख्तार को चुनौती देना ही मेरे राजनीतिक जीवन का मकसद था।