श्रीनगर। अमरनाथ यात्रा अगले महीने 1 जुलाई से शुरू होने वाली है। 62 दिनों तक चलने वाली यात्रा 31 अगस्त 2023 को समाप्त होगी। ऐसे में अगर आप खाने पीने और अच्छे मिठाई के शौकीन हैं और इस साल अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले यात्रियों में शामिल है तो यह खबर आपके लिए काफी महत्वपूर्ण है।इस साल की अमरनाथ यात्रा में ना ही पूरी मिलेगी और ना ही मिठाई और रसगुल्ले मिलेगा।अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) ने ऊंचाई से संबंधित स्वास्थ्य बीमारियों का हवाला देते हुए इस वर्ष की यात्रा के लिए फास्ट फूड पर प्रतिबंध लगा दिया है। बोर्ड ने अमरनाथ गुफा मंदिर की निर्धारित वार्षिक यात्रा से पहले यात्रियों के लिए तैलीय और फास्ट फूड पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।
बोर्ड प्रबंधन से जारी सख्त निर्देशों में कहा गया है कि लंगर, संगठनों, खाने के स्टालों, दुकानों और अन्य प्रतिष्ठानों से कोई प्रतिबंधित वस्तु या सामान परोसा, बेचा नहीं किया जाएगा। जम्मू, पहलगाम और गांदरबल जिलों में आधार शिविरों से यात्रा मार्ग के साथ-साथ पहलगाम से 42 किलोमीटर के मार्ग और 14 किलोमीटर लंबे बालटाल ट्रैक पर लंगर स्थापित किए जा रहे हैं। बोर्ड के प्रबंधन ने यात्रियों के लिए एक स्वास्थ्य परामर्श जारी किया है। यात्रियों को स्वास्थ्य समस्याओं के बिना यात्रा को पूरा करने के लिए कुछ खाने वाली चीजें से बचना चाहिए।गांदरबल और अनंतनाग जिलों के जिलाधिकारियों को श्राइन बोर्ड से यात्रियों के लिए निर्धारित खाने के मेनू के उल्लंघन के लिए लगाए जाने वाले दंड को निर्दिष्ट करने के लिए उचित आदेश जारी करने के लिए कहा गया है।स्वास्थ्य सलाहकार के अनुसार श्राइन बोर्ड ने पूरी,पिज्जा, बर्गर, भरवां परांठे, डोसा, मक्खन वाली ब्रेड, क्रीम से बने खाद्य पदार्थ, अचार, चटनी, तले हुए पापड़, चाउमीन सभी प्रकार के फास्ट फूड पर प्रतिबंध लगा दिया है।फास्ट फूड के अलावा यात्रियों को कोल्ड ड्रिंक देने के लिए पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।बैन फूड्स आईटम में मिठाइयां जैसे हलवा, जलेबी, गुलाब जामुन, लड्डू, खोया बर्फी, रसगुल्ला, और अन्य सभी हलवाई सामग्री, कुरकुरे स्नैक्स, चिप्स, नमकीन, पकोड़ा, समोसा , तले हुए सूखे मेवे, और अन्य सभी तले हुए खाद्य पदार्थों भी शामिल है।
इसके अलावा यात्रा में सभी मांसाहारी खाद्य पदार्थ, शराब, तंबाकू, गुटखा, पान मसाला, धूम्रपान और अन्य नशीले पदार्थों पर पहले ही प्रतिबंध लगा दिया गया है।स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, अमरनाथ गुफा मंदिर में 14,000 फीट की ऊंचाई पर ट्रेकिंग शामिल है। ऐसे में यात्रियों को भूख न लगना,उल्टी, थकान, कमजोरी जैसे लक्षणों के साथ तेजी से सांस लेना और हृदय गति में वृद्धि जैसी बीमारी हो सकती है। जिस वजह से एसएएसबी ने एक स्वास्थ्य सलाह जारी की है और यात्रियों को फास्ट फूड से बचने और डॉक्टर जांच कराने की सलाह देते हुए सुझाव दिया है। ऐसे में बीमारी का समय पर इलाज नहीं किया जाता है, तो यह कुछ ही घंटों में घातक हो सकती है।हर साल यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में लोग स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करते हैं और यहां तक कि इन स्वास्थ्य संबंधी स्थितियों के कारण लोगों की मौत भी हो जाती है। नए निर्देश स्वास्थ्य अधिकारियों के निर्देशों के मद्देनजर जारी किए गए हैं। यात्रा के दौरान होने वाली मौतों में भारी वृद्धि हुई है, जिसके लिए जीवन शैली और भोजन संबंधी मुद्दों को जिम्मेदार ठहराया गया है।
सभी यात्रियों को मिलेगा 5 लाख रुपए का बीमा, श्रीनगर-जम्मू से रात में हवाई सेवा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को दो महीने तक चलने वाली यात्रा के लिए की जा रही सुरक्षा तैयारियों की विस्तृत समीक्षा करने के लिए उच्च स्तरीय बैठक की। बता दें कि तीर्थयात्री जम्मू-कश्मीर में दो मार्गों बालटाल और पहलगाम से यात्रा करते हैं। बैठक में बताया गया है कि सभी तीर्थयात्रियों को आरएफआईडी कार्ड दिए जाएंगे ताकि उनकी वास्तविक वर्तमान स्थिति (रियल टाइम लोकेशन) का पता लगाया जा सके और सभी को 5 लाख रुपये का बीमा कवर दिया जाएगा। तीर्थयात्रियों को ले जाने वाले प्रत्येक जानवर के लिए 50,000 रुपये का बीमा कवर दिया जाएगा। गृह मंत्री अमित शाह ने तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए हवाई अड्डे और रेलवे स्टेशन से तीर्थस्थल आधार शिविर तक के मार्ग पर सुचारू व्यवस्था करने पर जोर दिया और श्रीनगर और जम्मू से रात में हवाई सेवा उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया गया है।