खडग़े बोले- यह केंद्र का तानाशाही रवैया
नई दिल्ली। 1929-30 में बना तीन मूर्ति हाउस भारत में कमांडर-इन-चीफ का आधिकारिक निवास था। अगस्त 1948 में यह स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक निवास बन गया। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को दिल्ली के तीन मूर्ति हाउस स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम व लाइब्रेरी का नाम बदल दिया। इसका नया नाम प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी कर दिया। सोसाइटी के उपाध्यक्ष रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की एक बैठक में नाम बदलने का फैसला किया गया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने इस फैसले पर कहा- जिनका अपना इतिहास नहीं है, वे दूसरों के इतिहास को मिटाने पर उतारू हैं। स्मारक का नाम बदलने का प्रयास आधुनिक भारत के निर्माता और लोकतंत्र के निर्भीक संरक्षक पंडित जवाहरलाल नेहरू के व्यक्तित्व को छोटा नहीं कर सकता। यह भाजपा- आरएसएस की ओछी मानसिकता और तानाशाही रवैये को ही दर्शाता है। एडविन लुटियंस के शाही राजधानी के हिस्से के रूप में 1929-30 में बना तीन मूर्ति हाउस भारत में कमांडर-इन-चीफ का आधिकारिक निवास था। अगस्त 1948 में यह स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक निवास बन गया। 27 मई 1964 को नेहरू का निधन हो गया। पंडित नेहरू 16 साल तक यहां रहे थे।
खडग़े पर नड्डा का पलटवार, प्रधानमंत्री संग्रहालय में हर पीएम को मिला सम्मान
दिल्ली के तीन मूर्ति भवन परिसर में स्थित नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय सोसायटी का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्कालय सोसायटी कर दिया गया है। हालांकि, इसको लेकर राजनीतिक बवाल भी जारी है। कांग्रेस पूरे मामले पर सवाल उठा रही है और दावा कर रही है कि केंद्र सरकार इतिहास मिटाने की कोशिश कर रही है। वहीं भाजपा की ओर से भी अब पलटवार किया गया है। भाजपा ने साफ तौर पर कहा है कि प्रधानमंत्री संग्रहालय में हर पीएम को सम्मान मिला है।