नई दिल्ली
देश में मानव तस्करी का जाल काफी बड़े रूप में फैला हुआ है, मानव तस्करी सीमावर्ती राज्यों में ज्यादा देखी जाती है हालांकि सीमा सुरक्षा बलों समेत अन्य एजेंसियों ने इनके खिलाफ अभियान चला कर काफी सफलता हासिल की है। वहीं अब केंद्र सरकार ने बड़ी घोषणा की है कि मानव तस्करी के पीडि़तों, विशेषकर पड़ोसी देशों की नाबालिग लड़कियों के लिए संरक्षण और पुनर्वास गृह की व्यवस्था की जाएगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने मानव तस्करी के पीडि़तों, विशेषकर पड़ोसी देशों की नाबालिग लड़कियों के लिए संरक्षण और पुनर्वास गृह स्थापित करने के वास्ते सीमावर्ती क्षेत्रों में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है। अधिकारी ने कहा कि स्रोत देश नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमा हैं जहां से भारत में बेहतर जीवन, नौकरी और अनुकूल स्थिति प्रदान करने की आड़ में महिलाओं और लड़कियों की तस्करी की जाती है।अधिकारी ने कहा कि तस्करी किए गए लोगों में से अधिकतर नाबालिग लड़कियां हैं या युवा महिलाएं हैं। जिन्हें भारत में आने के बाद बेच दिया जाता है और यौन कारोबार में धकेल दिया जाता है। ये लड़कियां और महिलाएं अक्सर मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद आदि प्रमुख शहरों में पहुंचती हैं जहां से उन्हें देश से बाहर मुख्य रूप से मध्य पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया में ले जाया जाता है। अधिकारी ने कहा कि इन देशों की सीमा से लगे राज्यों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है और तस्करी के पीडि़तों को राहत और पुनर्वास सेवाएं प्रदान करने के लिए पर्याप्त सुविधाएं होनी चाहिए।अधिकारी ने कहा कि सरकार ने तस्करी के पीडि़तों, खासकर नाबालिग लड़कियों और युवा महिलाओं के लिए सुरक्षा व पुनर्वास गृह स्थापित करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है। ये सुरक्षा व पुनर्वास गृह आश्रय, भोजन, कपड़े, परामर्श, प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं और अन्य दैनिक आवश्यकताएं जैसी सेवाएं प्रदान करेंगे।अधिकारी ने कहा कि सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों में बाल तस्करी से निपटने के लिए बुनियादी ढांचे में बदलाव किए जाएंगे और तंत्र को मजबूत किया जाएगा। सरकार ने देश के हर जिले में मानव तस्करी रोधी इकाइयों (एएचटीयूएस) को स्थापित करने और मजबूत करने के लिए निर्भया फंड के तहत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को धन मुहैया कराया है। अधिकारी ने कहा, इसके अलावा, बीएसएफ और एसएसबी जैसे सीमा सुरक्षा बलों में एएचटीयूएस के लिए भी धन उपलब्ध कराया गया है। आज देश में, सीमा सुरक्षा बलों के 30 सहित 788 मानव तस्करी रोधी ईकाई (एएचटीयूएस) कार्य कर रहे हैं।