सीधी
ये तस्वीर सीधी में पेशाब कांड के आरोपी प्रवेश शुक्ला के टूटे घर की है। इसमें बुलडोजर से घर टूटने के बाद प्रवेश के परिवार की 6 महिलाएं एक पेड़ के पास में खुले आसमान के नीचे गैस के चूल्हे पर कुछ पका रही हैं। उनके पीछे वो मकान भी है, जिसके किचन में कुछ दिन पहले तक इस परिवार का खाना पकता था। अब किचन का सारा सामान खुले में बिखरा हुआ है। यह घर सीधी से 17 किमी दूर कुबरी गांव में है।यह तस्वीर के सामने आने के बाद ब्राह्मण समाज के लोग एकजुट हो गए हैं। उनका कहना है कि गलती प्रवेश की थी तो सजा उसे मिलना चाहिए। घर तो उसकी दादी और पिता के रुपयों से बना था, इसे नहीं तोडऩा था। भरी बारिश में उन्हें बेघर नहीं करना था।यही वो गांव है, जहां पेशाब कांड हुआ था। ये गांव पीडि़त आदिवासी के गांव करौंदी से 2 किमी दूर है। ब्राह्मण सभा के लोग प्रवेश के परिजनों को करीब साढ़े तीन लाख रुपए की मदद दे चुके हैं। प्रवेश के पिता ने कहा कि वीडियो की जांच हो। प्रवेश गुनहगार है तो कड़ी से कड़ी सजा मिले, लेकिन हमने किसी का क्या बिगाड़ा था। ये घर तो मेरी विधवा मां ने मुआवजे के पैसे से बनवाया था। इसमें प्रवेश का एक रुपया भी नहीं लगा था। दादी ने कहा कि आज से 23 साल पहले मेरे पति का देहांत हो गया था। कुछ साल पहले मुझे अपनी जमीन का मुआवजा मिला था। उसी पैसे से मेरे चारों बच्चों ने ये घर बनवाया है।
इस घर में मेरे चारों बच्चों यानी प्रवेश के चाचाओं का भी हिस्सा था। प्रवेश का तो इसमें कुछ भी नहीं। मैं विधवा हूं, बताइए कहां जाऊं। प्रवेश ने क्या किया? कैसा वीडियो है? मैं बूढ़ी कैसे जानूं, कैसे समझूं। गलत किया है तो सरकार उसको सजा दे। हमें बेघर क्यों किया? सावन में कोई चिडिय़ा का घौंसला तक नहीं उजाड़ता, उन्होंने हमारा पूरा घर उजाड़ दिया।