पहले दिन बने कई रिकॉर्ड, रोहित-यशस्वी भी चमके, अश्विन ने 5 ,जडेजा ने 3,शार्दुल और सिराज को 1-1 विकेट मिला
डोमिनिका। वेस्टइंडीज के खिलाफ भारतीय टीम ने डोमिनिका टेस्ट मैच में पहले ही दिन धमाकेदार प्रदर्शन किया है. दो टेस्ट मैचों की सीरीज के इस पहले मुकाबले में भारतीय टीम ने शिकंजा कस लिया है. इसका बड़ा कारण स्टार स्पिनर रविचंद्रन अश्विन रहे, जिन्होंने पहली पारी में 5 विकेट लेकर विंडीज टीम को अपनी आंधी में उड़ा दिया। टीम इंडिया में ईशान किशन और यशस्वी जायसवाल को टेस्ट में डेब्यू का मौका मिला. इन दोनों को ही विराट कोहली ने टेस्ट डेब्यू कैप सौंपी. दूसरी ओर वेस्टइंडीज टीम के लिए एलिक अथानाजे ने टेस्ट डेब्यू किया। बता दें कि मैच में वेस्टइंडीज ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का फैसला किया, जो गलत साबित हुआ. पूरी टीम 150 रनों पर सिमट गई. पहली पारी में एलिक अथानाजे ने सबसे ज्यादा 47 रन बनाए. उन्होंने एक छक्का भी जमाया। विंडीज टीम के कप्तान क्रेग ब्रैथवेट ने 20 रन बनाए. दोनों के अलावा कोई भी प्लेयर 20 रनों का आंकड़ा भी नहीं छू सका. इस पहली पारी में अश्विन ने 60 रन देकर सबसे ज्यादा 5 विकेट लिए. जबकि रवींद्र जडेजा ने 3 विकेट अपने नाम किए. शार्दुल ठाकुर और मोहम्मद सिराज को 1-1 विकेट मिला। इस टेस्ट मैच के पहले दिन भारतीय स्टार स्पिनर अश्विन ने 5 विकेट लेकर कई बड़े रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं. पहला तो ये है कि ऑफ स्पिनर अश्विन टेस्ट मैचों में पिता और बेटे दोनों को ही आउट करने वाले पहले भारतीय गेंदबाज बन गए हैं. दरअसल, अश्विन ने अपनी फिरकी के जाल में फंसाकर ओपनर तेजनारायण चंद्रपॉल को क्लीन बोल्ड किया था। तेजनारायण के पिता वेस्टइंडीज के पूर्व दिग्गज शिवनारायण चंद्रपॉल हैं. अश्विन ने शिवनारायण को भी 4 बार आउट किया है. इस तरह ऑफ स्पिनर अश्विन किसी विपक्षी टीम के पिता और बेटे दोनों को आउट करने वाले पहले भारतीय गेंदबाज बन गए हैं। कैरेबियाई धरती पर खेली गई पिछली चार टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम को जीत हासिल हुई है. वेस्टइंडीज ने आखिरी बार अपने घर में टीम इंडिया के खिलाफ 2002 में टेस्ट सीरीज जीती थी. उसके बाद से भारत का पूरी तरह दबदबा रहा है. देखा जाए तो वेस्टइंडीज की टीम अपने घर में 21 सालों से भारत के खिलाफ एक भी टेस्ट नहीं जीत पाई है।
सिराज ने पकड़ा फ्लाइंग कैच, चोट लगी,जायसवाल ने चौके से शुरू किया कैरियर
वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट का पहला दिन पूरी तरह भारतीय टीम के नाम रहा। डोमिनिका के विंडसर पार्क मैदान पर भारत के मोहम्मद सिराज का बेहतरीन फ्लाइंग कैच देखने को मिला। इसे पकड़ने में उन्हें चोट भी लगी। ओपनिंग बैटर यशस्वी जायसवाल और विकेटकीपर ईशान किशन ने डेब्यू किया। यशस्वी ने चौका लगाकर अपने इंटरनेशनल क्रिकेट करियर का आगाज किया।
भारत से 2 खिलाड़ियों ने वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया। 21 साल के ओपनिंग बैटर यशस्वी जायसवाल और 24 साल के विकेटकीपर बैटर ईशान किशन ने अपने करियर का पहला टेस्ट खेला। यशस्वी को कप्तान रोहित शर्मा और ईशान को दिग्गज बैटर विराट कोहली ने डेब्यू कैप सौंपी। जायसवाल और ईशान भारत से टेस्ट खेलने वाले 306 और 307वें खिलाड़ी बने। यशस्वी जायसवाल और ईशान किशन ने टेस्ट डेब्यू किया। मैच से पहले दोनों को डेब्यू मिली। यशस्वी भारत के लिए टेस्ट खेलने वाले 306 और ईशान 307वें खिलाड़ी बने।
अश्विन 700 प्लस इंटरनेशनल विकेट लेने वाले तीसरे इंडियन
33वीं बार 5 विकेट लिए, एंडरसन से ज्यादा; सबसे ज्यादा बोल्ड करने वाले भारतीय भी बने
भारत-वेस्टइंडीज में पहले टेस्ट का पहला दिन टीम इंडिया के ऑफ स्पिन रविचंद्रन अश्विन के नाम रहा। उन्होंने टेस्ट करियर में 33वीं बार 5 विकेट लिए, जिसके चलते विंडीज टीम 150 रन पर ही ऑलआउट हो गई। पारी में सबसे ज्यादा 5 या उससे ज्यादा विकेट लेने गेंदबाजों में अश्विन ने जेम्स एंडरसन को पीछे छोड़ा। अश्विन ने अपने इंटरनेशनल करियर में 700 विकेट पूरे किए। इसी के साथ वह सबसे ज्यादा 96वे बोल्ड करने वाले भारतीय भी बने। उन्होंने अनिल कुंबले का रिकॉर्ड तोड़ा।
रविचंद्रन अश्विन ने पहली पारी में 5 विकेट लिए। उनके नाम 702 इंटरनेशनल विकेट हो गए। तीनों फॉर्मेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में अश्विन 16वें नंबर पर पहुंच गए। उन्होंने साउथ अफ्रीका के दिग्गज तेज गेंदबाज डेल स्टेन (699 विकेट) को पीछे छोड़ा। वे 700+ विकेट लेने वाले तीसरे ही भारतीय गेंदबाज बने। उनसे पहले अनिल कुंबले (956 विकेट) और हरभजन सिंह (711 विकेट) ही ऐसा कर सके हैं। अश्विन टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा 5 विकेट लेने वाले गेंदबाजों में छठे छठे नंबर पहुंच गए। उनके 93 टेस्ट की 33 पारियों में 5 या उससे ज्यादा विकेट हैं। उन्होंने इंग्लैंड के तेद गेंदबाज जेम्स एंडरसन (32) को पीछे छोड़ा। सबसे ज्यादा बार पारी में 5+ विकेट लेने का रिकॉर्ड श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन के नाम है। उन्होंने 67 बार यह कारनामा किया है।
डेब्यू करते ही यशस्वी ने सचिन-शुभमन को इस मामले में छोड़ा पीछे, धोनी के क्लब में शामिल हुए ईशान
भारत और वेस्टइंडीज के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज की शुरुआत 12 जुलाई (बुधवार) को डोमिनिका में हुई। वेस्टइंडीज के कप्तान क्रेग ब्रैथवेट ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। डोमिनिका टेस्ट में दोनों टीमों के कुल तीन खिलाड़ियों को डेब्यू करने का मौका मिला। भारत के लिए बाएं हाथ के बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल और विकेटकीपर ईशान किशन पहली बार टेस्ट खेलने उतरे। वहीं, वेस्टइंडीज के लिए एलिक एथेनेज ने डेब्यू किया। यशस्वी ने मैदान पर उतरते ही एक खास रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया।
डेब्यू के समय सबसे ज्यादा प्रथम श्रेणी में सबसे ज्यादा औसत रखने वाले बल्लेबाजों में उनका नाम दर्ज हो गया। यशस्वी ने मुंबई के लिए घरेलू मैचों में 80.21 की औसत से रन बनाए हैं। वह डेब्यू के समय सबसे ज्यादा औसत रखने वाले बल्लेबाजों में तीसरे स्थान पर हैं। उन्होंने भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और युवा स्टार शुभमन गिल को इस मामले में पीछे छोड़ दिया। ईशान किशन को भी डेब्यू करने का मौका मिला है। वह भारत के लिए टेस्ट खेलने वाले झारखंड के दूसरे विकेटकीपर बल्लेबाज हैं। साल 2000 में बिहार से कटकर झारखंड अलग राज्य बना था। उसके बाद से वहां से दो विकेटकीपर बल्लेबाजों ने भारत के लिए डेब्यू किया है। पहले महान कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और दूसरे ईशान किशन।
पारी में पांच विकेट लेकर बोले अश्विन, डब्ल्यूटीसी फाइनल में असफलता ने मुझे प्रेरित किया
भारत के ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने स्वीकार किया है कि पिछले महीने के आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के लिए चयन से चूकने की निराशा थी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल ने उन्हें प्रेरित किया और वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट में रिकॉर्ड तोड़ 33वीं बार पांच विकेट लेकर वह अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में लौट आए। टेस्ट क्रिकेट रैंकिंग में नंबर 1 गेंदबाज अश्विन ने डब्ल्यूटीसी फाइनल के लिए चयन से चूकने के बाद तेजी से वापसी की है क्योंकि उन्होंने वेस्टइंडीज की बल्लेबाजी लाइन-अप को 5-60 के स्कोर पर ध्वस्त कर दिया जिससे भारत मेजबान टीम को 150 रन पर समेटने में सफल रहा और डोमिनिका में पहले टेस्ट में दबदबा बनाए रखा। अश्विन ने अपने स्पेल की शुरुआत में ही 12 रन पर ओपनर टैगेनरीन चंद्रपॉल का महत्वपूर्ण विकेट हासिल किया जिससे वह टेस्ट मैचों में पिता और पुत्र दोनों को आउट करने वाले पहले भारतीय गेंदबाज बन गए। इसके बाद उन्होंने बुधवार को नए विश्व टेस्ट चैंपियनशिप चक्र में भारत के पहले टेस्ट मैच में टेस्ट टीम में शानदार वापसी करते हुए चार और विकेट हासिल करने के लिए अपने अनुभव का इस्तेमाल किया।
दिन के अंत में प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने खुलासा किया कि पिछले महीने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में खेलने से चूकने से वह अभी भी निराश हैं। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि वह तेजी से आगे बढ़ें और दिखाया कि टेस्ट स्तर पर वह अभी भी एक ताकत हैं। अश्विन ने कहा, एक क्रिकेटर के रूप में जब आपके पास डब्ल्यूटीसी फाइनल में मौका है और बाहर बैठना ठीक है। मेरे लिए यह ऐसा था कि मैं कैसे प्रतिक्रिया दूं और मैं यह कैसे सुनिश्चित करूं कि ड्रेसिंग रूम ठीक रहे। उन्होंने कहा, डब्ल्यूटीसी फाइनल जीतना सबसे महत्वपूर्ण बात है और यह मेरे करियर का एक बहुत ही उच्च बिंदु हो सकता था और मैं इसमें अच्छी भूमिका निभा सकता था, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण था कि यह सफल नहीं हुआ और पहले दिन हमें बहुत पीछे छोड़ दिया।
लेकिन मेरे और दूसरे व्यक्ति के बीच क्या अंतर है जो नाराज होने वाला है (ड्रॉप किए जाने के बारे में)? मैं अपने साथियों और समग्र रूप से भारतीय क्रिकेट को कुछ समझ और मैदान पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास देना चाहता हूं और यही वह जगह है जहां मैं प्रभाव छोड़ना चाहूंगा।
अश्विन के नवीनतम प्रदर्शन ने उन्हें टेस्ट क्रिकेट में 33 बार पांच विकेट लेने में मदद की। किसी भी मौजूदा खिलाड़ी की तुलना में सबसे अधिक, अपने 93वें टेस्ट में अपने कुल 479 विकेट लिए। वह अब एक पारी में सबसे अधिक पांच विकेट लेने वाले खिलाड़ियों की सूची में छठे स्थान पर हैं। लेकिन अश्विन ने रिकॉर्ड तोड़ने की उपलब्धि को ज्यादा तवज्जो नहीं दी और कहा अब उनके लिए एकमात्र चीज जो मायने रखती है वह है अपनी टीम को मैदान पर सफल होने में मदद करना। अश्विन ने कहा, राहुल भाई (भारत के कोच राहुल द्रविड़) हमेशा कहते हैं कि यह विकेट या रन नहीं हैं जिन्हें आप याद रखते हैं। उन्होंने कहा, पहली बार जब मैं उन्हें एक कोच के रूप में मिला था तो उन्होंने एक बयान दिया और कहा, यह इस बारे में नहीं है कि आप कितने रन बनाते हैं और आप कितने विकेट लेते हैं क्योंकि आप उन सभी के बारे में भूल जाएंगे और यह एक टीम के रूप में आपके द्वारा बनाई गई महान यादें हैं जो साथ रहेंगी। और मैं पूरी तरह से इसके पीछे हूं। मुझे नहीं पता कि उसने मुझे ऐसा करने के लिए दिमाग लगाया है या नहीं, लेकिन मेरे दृष्टिकोण से मुझे निश्चित रूप से लगता है कि मुझे बहुत आभार मिला है और मैं इस यात्रा और खेल के लिए बहुत आभारी हूं।