ये बिल संविधान का उल्लंघन: अधीर रंजन, शाह ने कहा- विरोध का कोई आधार नहीं, सरकार को मिला बीजद का साथ
नई दिल्ली (वी.एन.झा)। दिल्ली में अफसरों की पोस्टिंग-ट्रांसफर पर नियंत्रण से जुड़ा विधेयक मंगलवार (1 अगस्त) को लोकसभा में पेश किया गया। वहीं, विपक्षी सांसदों ने इस दौरान सदन के भीतर जमकर हंगाना काटा। हालांकि सदम में हंगामे के कारण इस विधेयक पर चर्चा नहीं हो सकी, अब कल इस पर चर्चा होगी। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी बोले- ये बिल संविधान का उल्लंघन है, सुप्रीम कोर्ट का फैसला बदलने की कोशिश है। लोकसभा में त्रहृष्टञ्ज (संशोधन) विधेयक 2023 पर बोलते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि संविधान ने सदन को दिल्ली राज्य के संबंध में कोई भी कानून पारित करने की शक्ति दी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने साफ कर दिया है कि दिल्ली राज्य को लेकर संसद कोई भी कानून ला सकती है। सारी आपत्ति राजनीतिक है। कृपया मुझे यह बिल लाने की अनुमति दें। इस बिल का नाम गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली (अमेंडमेंट) बिल 2023 है। इसे गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सदन में पेश किया। 25 जुलाई को इस अध्यादेश को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिली थी। सरकार को दिल्ली सेवा विधेयक पर बीजद का साथ मिला है। बीजद ने एलान किया है कि वह दिल्ली सेवा विधेयक को लेकर सरकार का समर्थन करेगी। वहीं विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का विरोध करेगी। बीजद के राज्यसभा सांसद सस्मित पात्रा ने यह जानकारी दी है। बता दें कि बीजद के राज्यसभा में नौ सांसद हैं। बीजद के एलान से सत्ताधारी एनडीए को राज्यसभा में विधेयक पास कराने में खासी मदद मिलेगी।
शोर-शराबे के बीच तीन विधेयक पारित
मंगलवार को राज्यसभा में अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक 2023 , बहु राज्य सहकारी समिति संशोधन विधेयक 2022 को मंजूरी दे दी। जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2023 लोकसभा में पारित हुआ।
अविश्वास प्रस्ताव पर बहस 8 अगस्त से
मणिपुर मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के चलते राज्यसभा और लोकसभा 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। मणिपुर मुद्दे को लेकर विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर 8 से 10 अगस्त तक बहस होगी। 10 अगस्त को ही क्करू नरेंद्र मोदी इस पर जवाब दे सकते हैं। यह फैसला लोकसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में लिया गया। ढ्ढ.हृ.ष्ठ.ढ्ढ.्र घटक के कई सदस्यों ने तुरंत चर्चा न होने से नाराज होकर वॉकआउट कर दिया। मल्लिकार्जुन खड़गे ने मणिपुर मामले पर चर्चा करने के लिए विपक्ष की तरफ से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से समय मांगा है।