नई दिल्ली। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की ऑडिट रिपोर्ट 9 अगस्त को संसद में पेश की गई। इसमें स्वदेश दर्शन योजना के क्रियान्वयन पर सवाल उठाते हुए अनियमितताएं उजागर की गई हैं। ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक 76 प्रोजेक्ट में से कोई भी समय सीमा के भीतर पूरा नहीं हुआ। चुने गई 14 प्रोजेक्ट में यह देखने में आया कि आठ प्रोजेक्ट में 22 महीने से लेकर 47 महीने तक की देरी हुई। छह प्रोजेक्ट अभी भी बाकी हैं। चुने गए 14 प्रोजेक्ट में राज्यों से काम देने में 11 महीने से लेकर 58 महीने तक की देरी हुई। स्वदेश दर्शन योजना के तहत देश में पर्यटन के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए मंत्रालय ने 15 पर्यटन सर्किट की पहचान की थी। इनके विकास के लिए कुल 76 प्रोजेक्ट मंजूर किए गए। 15 पर्यटन सर्किटों में हिमालय सर्किट, उत्तर पूर्व सर्किट, कृष्णा सर्किट, बौद्ध सर्किट, तटीय सर्किट, रेगिस्तान सर्किट, जनजातीय सर्किट, इको सर्किट, वन्यजीव सर्किट, ग्रामीण सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, रामायण सर्किट, हेरिटेज सर्किट, तीर्थंकर सर्किट और सूफी सर्किट शामिल हैं। प्रोजेक्ट के लिए बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, सिक्किम, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड में साइट चिह्नित की गईं। ष्ट्रत्र के मुताबिक, मंत्रालय ने 2014-15 से 2018-19 की अवधि के दौरान 76 प्रोजेक्ट के लिए 5,455.69 करोड़ रुपए मंजूर किए। ष्ट्रत्र ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट में जनवरी 2015 से मार्च 2022 तक का समय कवर किया है। इस पीरियड में भारत के चार पर्यटन मंत्री रहे- महेश शर्मा (नवंबर 2014- सितंबर 2017), के अल्फोंस (सितंबर 2017-मई 2019), प्रह्लाद सिंह पटेल ( मई 2019-जुलाई 2021) और जी किशन रेड्डी (जुलाई 2021- अभी तक )।