- द्वारका में श्रावण मास में चल रहे ‘गागर में सागर’ प्रवचन में बोले शंकराचार्य सदानंद सरस्वती
द्वारका। श्रावण मास में चल रहे ‘गागर में सागर’ प्रवचन की अगली कड़ी में शुक्रवार को शारदापीठाधिश्वर जगद्ïगुरु शंकराचार्य सदानंद सरस्वती ने कहा कि वर्तमान समय की विडंबना यह है कि हिन्दू धर्म में होने पर भी कुछ लोग वेदशास्त्र में वर्णित वैज्ञानिक नीति रीति के प्रति आस्था नहीं रखते हैं और नास्तिक जैसा व्यवहार करते हैं। यह ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि घास फूस खाकर हमें अमृततुल्य दूध देने वाली गाय के प्रति उपेक्षित भाव रखते हैं और गौहत्या रोकने प्रति जागरुकता नहीं रहते। उन्होंने कहा कि प्रत्येक हिन्दू धर्मावलंबी के घर में एक गाय होनी चाहिये। एक घर में तीन-तीन चार-चार कार होती हैं तो एक गाय भी होनी चाहिये। अगर सब गौपालन करने लगेंगे तो गौहत्या का संकट भी समाप्त हो जायेगा। गाय के प्रति हमारी निष्ठा बढ़ेगी तो सनातन धर्म का प्रभाव भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि हिन्दू धर्म का पालन करने में मनमानी नहीं होनी चाहिये। वेद-पुराण आदि शास्त्रों में प्रमाणित रीति-नीति का जितनी निष्ठा से पालन होगा उतनी हमारी निष्ठा दृढ़ होगी। हम सभी भारतीय है इसका प्रमाण हमारे धर्मशास्त्रों में परंपराओं से ज्ञात होता है। विश्व के सबसे प्राचीन ग्रंथ ऋग्वेद काल में भी इस खण्ड का नाम भारत मिलता है। भारतीय कौन ये तय करने के लिये प्रमाण यह है कि जिस देश के धर्मावलीओं के धर्मग्रंथों में भारत शब्द का प्रमाण मिला है वो ही सच्चा भारतीय हमारे देश के संविधान में भारत शब्द असंख्यवाद प्राप्त हुआ है वही सच्चा भारतीय है ऐसा माना जायेगा।