विपक्ष ने सरकार को घेरा, भाजपा ने किया पलटवार
जी-20 समिट पर राष्ट्रपति की ओर से निमंत्रण पत्र पर ‘पब्लिक ऑफ इंडिया’ की बजाए ‘रिपब्लिक ऑफ भारत’ शब्द का इस्तेमाल
नई दिल्ली(वी।एन।झा)
नई दिल्ली में होने वाले जी-20 समिट को लेकर तैयारियां जोऱ-शोर से चल रही है। इस बीच जी-20 सम्मेलन में आने वाले मेहमानों को रात्रिभोज के लिए आमंत्रित करते हुए महामहिम ने रिपब्लिक ऑफ इंडिया की बजाय ‘रिपब्लिक ऑफ भारत’ शब्द का इस्तेमाल किया है। दरअसल जी-20 शिखर सम्मेलन 9 और 10 सितंबर को दिल्ली में आयोजित होने जा रहा है। इस सम्मेलन में बहुत से देश शामिल होने के लिए भारत आ रहे हैं। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने जी-20 में शामिल होने के लिए दिल्ली आने वाले विदेशी राष्ट्राध्यक्षों और मुख्यमंत्रियों को डिनर के लिए आधिकारिक निमंत्रण भेजा है।
इस निमंत्रण में पहली बार रिपब्लिक ऑफ इंडिया की जगह रिपब्लिक ऑफ भारत शब्द का इस्तेमाल किया गया हैजी-20 डिनर के निमंत्रण में राष्ट्रपति को ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ लिखने को लेकर बयानबाजी शुरू हो गई है। एक तरफ कांग्रेस, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल दलों ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि ये सही नहीं है, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने भी पलटवार किया है।28 दलों वाले विपक्षी गठबंधन का ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) नाम है। इसको लेकर पीएम मोदी सहित बीजेपी के नेता उन पर आए दिन हमला कर रहे हैं। कांग्रेस ने पूरे मामले पर कहा कि ये राज्यों के संघ पर हमला है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा, ‘‘यह खबर वास्तव में सच है। राष्ट्रपति भवन ने जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए नौ सितंबर को ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ के बजाय ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ के नाम पर निमंत्रण भेजा है।’’ उन्होंने कहा कि, संविधान में अनुच्छेद 1 में लिखा है: भारत, अर्थात इंडिया, राज्यों का एक संघ होगा, लेकिन अब इस ‘राज्यों के संघ’ पर भी हमले हो रहे हैं।’’ जयराम रमेश ने दावा किया कि पीएम मोदी इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं। सीएम और तृणमूल कांग्रेस की चीफ ममता बनर्जी ने कोलकाता में केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश के इतिहास को फिर से लिखने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने सुना है कि भारत का नाम बदला जा रहा है। माननीय राष्ट्रपति के नाम से भेजे गए जी20 के निमंत्रण पत्र पर भारत लिखा हुआ है। हम देश को भारत कहते हैं, इसमें नया क्या है? अंग्रेजी में हम इंडिया कहते हैं।।।कुछ भी नया नहीं है। दुनिया हमें इंडिया के नाम से जानती है। अचानक क्या हो गया कि देश के नाम को बदलने की जरूरत पड़ गयी?’’ आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि हम से बीजेपी घबराई हुई है।
उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) अपना नाम भारत रख ले तो क्या बीजेपी देश का नाम भारत से बदलकर कुछ और रख देगी। डीएमके चीफ एमके स्टालिन ने दावा किया कि हमलोग एकजुट हुए तो बीजेपी नाम बदलना चाहती है। उन्होंने एक्स पर लिखा, ”फासीवादी बीजेपी शासन को उखाड़ फेंकने के लिए हमारे एकजुट होने और अपने गठबंधन को नाम ‘इंडिया’ देने के बाद अब बीजेपी ‘इंडिया’ को ‘भारत’ में बदलना चाहती है। बीजेपी ने भारत को बदलने का वादा किया था, लेकिन 9 साल बाद हमें केवल नाम में परिवर्तन मिला! ऐसा लगता है कि बीजेपी इंडिया नामक एक शब्द से घबरा गई है, क्योंकि वे विपक्ष के भीतर एकता की ताकत को पहचानते हैं। चुनाव के दौरान बीजेपी को सत्ता से बाहर करेगा ‘इंडिया।” राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के चीफ शरद पवार ने महाराष्ट्र के जलंगाव में केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि किसी के पास अधिकार नहीं है कि वो देश का नाम बदल सके। मुझे समझ में नहीं रहा है कि सत्ताधारी दल बीजेपी ऐसा क्यों कर रही है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जेडीयू के नेता मनोझ झा ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि लोग इन्हें जल्द ही सत्ता से बाहर कर देंगे। उन्होंने कहा, ”हमें नहीं पता था कि बीजेपी इतनी बेचैन हो जाएगी। अभी तो ‘इंडिया’ गठबंधन बने कुछ ही हफ्ते हुए हैं और आप ‘रिपब्लिक ऑफ इंडिया’ को ‘रिपब्लिक ऑफ भारत’ में बदलने के लिए प्रस्ताव ला रहे हैं।” पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख और जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा कि बीजेपी संसद में अपने बहुमत के दम पर पूरे देश को अपनी जागीर समझ रही है।
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर पलटवार किया। उन्होंने एक्स पर लिखा, ”कांग्रेस को देश के सम्मान और गौरव से जुड़े हर विषय से इतनी आपत्ति क्यों है? भारत जोड़ो के नाम पर राजनीतिक यात्रा करने वालों को “भारत माता की जय” के उद्घोष से नफरत क्यों है? स्पष्ट है कि कांग्रेस के मन में न देश के प्रति सम्मान है, न देश के संविधान के प्रति और न ही संवैधानिक संस्थाओं के प्रति। उसे तो बस एक विशेष परिवार के गुणगान से मतलब है। कांग्रेस की देश विरोधी एवं संविधान विरोधी मंशा को पूरा देश भलीभांति जानता है।” केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने निमंत्रण लेटर शेय़र करते हुए लिखा कि जन गण मन अधिनायक जय हे, भारत भाग्य विधाता। जय हो। वहीं असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि रिपब्लिक ऑफ भारत- ख़ुशी और गर्व है कि हमारी सभ्यता साहसपूर्वक अमृत काल की ओर आगे बढ़ रही है।
‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ के पक्ष में आए बिग बी? ट्वीट कर लिखा- ‘भारत माता की जय’
देश के नाम की चर्चा राजनीतिक गलियारों से होती हुई, बॉलीवुड तक पहुंच गई है। आज बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन ने भी एक ट्वीट किया है, जिसे ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ से जोड़कर देखा जा रहा है। अमिताभ बच्चन सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। हालांकि, अक्सर वह अपनी थ्रोबैक तस्वीरें और कविताएं ही इस मंच पर ज्यादातर साझा करते हैं और राजनीतिक टिप्पणियों से दूर रहना ही पसंद करते हैं। मगर हाल ही में उन्होंने एक ट्वीट किया है, जो खूब वायरल हो रहा है। बिग बी ने कोई लंबा चौड़ा ट्वीट नहीं किया, सिर्फ लिखा है, ‘भारत माता की जय।’ ट्वीट के बाईं तरफ उन्होंने तिरंगा झंडा का इमोजी बनाया है और दायीं तरफ लाल रंग के झंडे वाला इमोजी बनाया है।
राहुल गांधी ने ‘इंडिया जोड़ो यात्रा’ क्यों नहीं की? : हिमंत सरमा
मंगलवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कांग्रेस पार्टी पर जमकर हमला बोला। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी को आड़े हाथों लेते हुए कहा, हमारा देश भारत था, है और भारत ही रहेगा। कांग्रेस ने INDIA गठबंधन बनाया है। लोग दुकानें खोलते हैं और दुकानें बंद हो जाती हैं। उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि हमारे देश का नाम अंग्रेजी शब्द में क्यों होना चाहिए? इसका भारतीय नाम होना चाहिए। कांग्रेस ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ क्यों की? ‘इंडिया जोड़ो यात्रा’ क्यों नहीं की? उन्होंने कहा कि हमारे संविधान में देश का मूल नाम ‘भारत’ ही है…
2012 में कांग्रेस ने राज्यसभा में पेश किया था ‘भारत’ नाम रखने वाला विधेयक
9 अगस्त 2012 को कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य शांताराम नाइक ने राज्यसभा में एक निजी विधेयक पेश किया। जिसमें उन्होंने ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ नाम रखने के लिए तीन बदलावों का प्रस्ताव रखा था।
1) संविधान की प्रस्तावना में ‘इंडिया’ शब्द के स्थान पर ‘भारत’ शब्द रखा जाए.
2) ‘इंडिया, दैट इज भारत’ वाक्यांश के स्थान पर एकल शब्द ‘भारत’ रखा जाए.
3) संविधान में जहां भी ‘इंडिया’ शब्द आता है, वहां ‘भारत’ शब्द रख दिया जाए.
इस विधेयक के कारणों के बारे में कहा गया कि इंडिया एक क्षेत्रीय अवधारणा को दर्शाता है, जबकि ‘भारत’ सिर्फ क्षेत्रों से कहीं ज्यादा का प्रतीक है। जब हम अपने देश की प्रशंसा करते हैं तो हम ‘भारत माता की जय’ कहते हैं, न कि ‘इंडिया की जय’ इसे बदलने के लिए कई आधार हैं. यह नाम देशभक्ति की भावना भी पैदा करता है और इस देश के लोगों में जोश भर देता है. इस संबंध में; ‘जहां डाल-डाल पर सोने की चिड़ियां बनाती हैं बसेरा वो भारत देश है मेरा’, एक लोकप्रिय शब्द है गाना प्रासंगिक है।