नई दिल्ली। भारत में कनाडा के राजनयिक बहुत अधिक तादाद में हैं। हम उम्मीद करते हैं कि उनकी संख्या घटाई जाएगी।” भारत से 41 कनाडाई डिप्लोमैट को जाने के लिए कहे जाने की खबर पर विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को यह बात कही। बागची ने कहा कि, हमने समानता की बात की थी। इसे लेकर अभी बातचीत चल रही है। हम इसके और डिटेल में अभी नहीं जाएंगे। भारत के मुकाबले कनाडा के राजनयिक अधिक तादाद में हैं। कनाडाई राजनयिक कब तक घटाए जाएंगे? इस सवाल पर बागची ने कहा कि, बातचीत चल रही है। अभी इससे अधिक कुछ नहीं कह सकते। कनाडाई राजनयिकों की तादाद घटाए जाने के बाद छात्रों आदि को जारी होने वाले वीजा पर असर पड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि, हमारी प्राथमिकता तादाद की समानता को लेकर है। कनाडा के पीएम के बयान को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि, हमारा रुख साफ है। हमारे राजनयिकों की वहां सुरक्षा सुनिश्चित हो और यहां तादाद की समानता हो। ग्लासगो की घटना पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि, हमारे डिप्लोमैट को रोके जाने की घटना को हमने यूके सरकार के सामने उठाया है। अफगान दूतावास के बंद होने के सवाल पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि, अफगान दूतावास काम कर रहा है। यहां जो राजनयिक हैं, हम उनके संपर्क में हैं। हैदराबाद और मुंबई का कांसुलेट भी काम कर रहा है। यह उनकी आंतरिक विवाद है। अफगानिस्तान के राजदूत नहीं होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि, यहां जो राजनयिक हैं हम उनके संपर्क में हैं।पाकिस्तान में पदस्थ अमेरिकी राजदूत के पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) के दौरे को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि, भारत ने अमेरिका से इसे लेकर अपनी चिंता जताई है। अरिंदम बागची ने मालदीव में नए राष्ट्रपति के चुनाव पर कहा कि, पीएम मोदी सबसे पहले शुभकामना देने वालों में शामिल रहे।