नई दिल्ली (वी.एन.झा)। केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा आयोजित दो दिवसीय आतंकवाद विरोधी सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर गृह राज्य मंत्री निशिथ चान्निक, गृह सचिव, इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक, एनआईए के महानिदेशक के साथ-साथ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के महानिदेशक, राज्य पुलिस प्रमुख और केंद्र और राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
सरकारें मौजूद थीं। अपने उद्घाटन भाषण में अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय और राज्य एजेंसियां पिछले 9 वर्षों में देश में सभी प्रकार के आतंकवाद पर मजबूती से काबू पाने में सफल रही हैं। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि एनआईए के दायरे में एक मॉडल आतंकवाद विरोधी ढांचा स्थापित किया जाना चाहिए, केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय के लिए सभी राज्यों में सभी आतंकवाद विरोधी एजेंसियों की जांच, ढांचे और एसओपी के मानकीकरण को एक समान बनाया जाना चाहिए। . सभी आतंकवाद विरोधी एजेंसियों को क्रूर रवैया अपनाना चाहिए ताकि नए आतंकवादी संगठन न बन सकें। शाह ने कहा कि एन.आई.ए., ए.टी.एस. और एसटीएफ का काम केवल जांच तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि उन्हें आतंकवाद से निपटने के लिए नए-नए उपाय भी करने चाहिए। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए वैश्विक स्तर से लेकर जमीनी स्तर तक, देश के विभिन्न राज्यों को शामिल करते हुए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है। अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने क्रिप्टो, हवाला, टेरर फंडिंग, संगठित अपराध सिंडिकेट, नार्को-टेरर लिंक जैसी सभी चुनौतियों पर सख्त रुख अपनाया है, जिसके कई अच्छे परिणाम मिले हैं, लेकिन बहुत कुछ अभी और भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है उन्होंने कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए केंद्र और राज्यों, उनकी एजेंसियों और अंतर-एजेंसी सहयोग के बारे में लंबवत और क्षैतिज रूप से सोचना होगा। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले 5 वर्षों में कई डेटाबेस वर्टिकल तैयार किए हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सभी केंद्रीय और राज्य एजेंसियों को इस डेटाबेस का बहुआयामी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित उपयोग करना चाहिए, तभी हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सफल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस डेटाबेस का उपयोग जांच, अभियोजन, रोकथाम और कार्रवाई के लिए किया जाना चाहिए। गृह मंत्री ने प्रत्येक पुलिस स्टेशन के साथ-साथ युवा पुलिस अधिकारियों को इस डेटाबेस का अधिकतम उपयोग करने पर जोर दिया।
अमित शाह ने कहा कि सभी केंद्रीय और राज्य स्तरीय आतंकवाद विरोधी एजेंसियों के लिए एक साझा प्रशिक्षण मॉड्यूल होना चाहिए, ताकि आतंकवाद से लड़ने के तरीके में एकरूपता लाई जा सके। वह एन.आई.ए. और आईबी से इस दिशा में पहल करने को कहा. शाह ने कहा कि अब जानने की आवश्यकता से साझा करने की आवश्यकता की ओर बढ़ने और साझा करने के कर्तव्य पर काम करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2001 में आतंकवादी घटनाओं की संख्या 6000 थी, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2022 में घटकर 900 रह गयी है। उन्होंने 94 प्रतिशत से अधिक की सजा दर हासिल करने के लिए एनआईए की सराहना की और कहा कि इस दिशा में और अधिक काम करने की जरूरत है। उन्होंने सभी राज्यों से सजा दर बढ़ाने के लिए कदम उठाने को भी कहा। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से नशे के खिलाफ लड़ाई में बड़ी सफलताएं हासिल हुई हैं। इन उपलब्धियों में इस साल एनसीबी के नेतृत्व वाला ऑपरेशन समुद्रगुप्त भी शामिल है, जिसके दौरान 12,000 करोड़ रुपये से अधिक के नशीले पदार्थ एक साथ जब्त किए गए थे। इसके अलावा 10 लाख किलोग्राम दवाओं का भी निस्तारण किया गया है। अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद की कोई सीमा नहीं होती और कोई भी राज्य अकेले आतंकवाद का सामना नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि इस प्रदूषण को जड़ से उखाड़ने के लिए हम सभी को एक साथ आना होगा। गृह मंत्री ने दो दिवसीय सम्मेलन के प्रत्येक सत्र में 5 कार्रवाई योग्य बिंदु बनाकर केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजने का सुझाव दिया।