मुंबई । महाराष्ट्र के नांदेड़ में दो दिन के भीतर कई मरीजों की मौत के बाद डॉ. शंकरराव चव्हाण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रसव विभाव के डॉक्टरों और डीन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। महाराष्ट्र पुलिस के अनुसार उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 और 34 के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है।एफआईआर दर्ज होने के बाद अस्पताल के डीन श्यामराव वाकोडे ने कहा, ‘मैंने भी मीडिया में देखा कि ऐसा मामला दर्ज हुआ है, लेकिन मेरे पास कोई आधिकारिक कागज उपलब्ध नहीं है।’ दवाइयों की कमी के कारण करीब 31 मरीजों की मौत हो गई थी। अस्पताल में 30 सितंबर से एक अक्तूबर के बीच नवजात शिशुओं समेत करीब 24 मरीजों की मौत हुई थी। वहीं मंगलवार को सात अन्य मरीजों के भी मरने की खबर सामने आई है। इस घटना के बाद मरीजों के परिजनों ने अस्पताल में दवाइयों की कमी और लापरवाही का आरोप लगाया है। महाराष्ट्र के चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुशरिफ ने बुधवार को बताया कि मामले की व्यापक जांच होगी और इस मामले की जांच के लिए डॉक्टरों की समिति भी गठित की जाएगी। हालांकि, अस्पताल ने लापरवाही के आरोपों का नकारते हुए यह दावा किया था कि मारे गए मरीज मधुमेह, यकृत और किडनी विफलता जैसी विभिन्न बीमारियों से जूझ रहे थे।इस मामले पर जानकारी देते हुए नांदेड़ ASP अविनाश कुमार ने बताया, ‘नांदेड़ में एक पीड़िता के नवजात शिशु की मृत्यु की FIR दर्ज की गई है। डीन और संबंधित विभाग के मुख्य मेडिकल अधिकारी के खिलाफ FIR की गई है। मेडिकल कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।’अस्पताल के डीन श्यामराव वाकोडे ने कहा कि अस्पताल में दवाइयों की कोई कमी नहीं है। मरीजों का अच्छे से देखभाल किया जा रहा है, लेकिन उनका शरीर इलाज पर प्रतिक्रिया नहीं दे पा रहा था। कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस घटना को बेहद दर्दनाक, गंभीर और चिंताजनक बताया है। उन्होंने इस मामले पर विस्तृत जांच की भी मांग की है। इस घटना के बाद बीआरएस एमएलसी सुप्रिया सुले मरने वाले मरीजों के परिजनों से मुलाकात करने पहुंची।