- रूस-यूरोप में से एक को चुने चीन, दोनों से दोस्ती नहीं कर सकता:अमेरिका
बीजिंग/वॉशिंगटन
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 2 दिन के दौरे पर चीन में हैं। गुरुवार को बीजिंग में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उनका स्वागत किया। इसके बाद शाम को दोनों नेताओं ने साथ में चाय पी। पुतिन की यात्रा का पहला दिन खत्म होने पर जिनपिंग ने उन्हें गले भी लगाया।रूस और चीन की इस बढ़ती दोस्ती से अब अमेरिका नाराज है। अमेरिका ने कहा है कि चीन अगर पश्चिमी देशों के साथ बेहतर रिश्ते बनाने की कोशिश कर रहा है तो वह यूक्रेन जंग में रूस का समर्थन नहीं कर सकता है। उसे रूस या यूरोप में से एक को चुनना होगा।अमेरिका के विदेश मंत्रालय के उप-प्रवक्ता वेदांत पटेल ने बुधवार को प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “यूक्रेन जंग के मामले में अमेरिका, G7, नाटो और EU देशों का एक ही पक्ष है। रूस को हथियार देकर चीन न सिर्फ यूक्रेन की सुरक्षा खतरे में डाल रहा है, बल्कि इससे यूरोप पर भी असर पड़ेगा। वह यूरोप के सबसे बड़े खतरे को बढ़ावा दे रहा है।”यूक्रेन जंग पर बात करते हुए वेदांत पटेल ने कहा, “हमारे नजरिए से इस समस्या का हल बहुत ही आसान है। रूस यूक्रेन से पीछे हट जाए। वह रूसी कब्जे में मौजूद यूक्रेन के क्रीमिया और दूसरे इलाकों को आजाद कर दे। इससे शांतिपूर्ण तरह से मसला हल किया जा सकेगा, लेकिन रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने समय-समय पर यह बताया है कि वे शांति के लिए तैयार नहीं है।”दूसरी तरफ, चीन ने कहा है कि वह अपने मिलिट्री प्रोडक्ट्स के एक्सपोर्ट को पूरी जिम्मेदारी से संभालता है। अमेरिका को टारगेट करते हुए चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमारे ऊपर आरोप लगाने से किसी समस्या का हल नहीं निकलेगा। जो लोग आग को हवा देते हैं, वे खुद उसकी चपेट में आ जाते हैं। रूस-यूक्रेन मसले का हल सिर्फ राजनीतिक समझौते के जरिए ही निकाला जा सकता है।