- रिसर्च पेपर से हमारा नाम हटाया जाए, हमने स्टडी के लिए कोई मदद नहीं दी
नई दिल्ली । बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) की एक रिसर्च में सामने आया कि कोवैक्सिन के भी साइड इफेक्ट्स हैं। इसमें ICMR का हवाला दिया गया। अब भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने इस पर प्रतिक्रिया दी है और इसे गलत बताया है।ICMR ने BHU को एक नोटिस भेजा है। इसमें ICMR के डायरेक्टर जनरल डॉ. राजीव बहल ने लिखा है कि जिस रिसर्च में यह दावा किया गया है कि अध्ययन में वैक्सीन लेने वाले लोगों पर गंभीर साइड्स इफेक्ट्स देखे गए, वह रिसर्च पूरी तरह भ्रामक और गलत तथ्यों पर आधारित है। इसका ICMR से कोई लेना-देना नहीं है। ICMR ने इसके लिए कोई मदद नहीं दी है। रिसर्च पेपर से ICMR का नाम हटाया जाए और एक माफीनामा छापा जाए। ICMR ने लिखा है कि स्टडी में कोवैक्सिन का जिक्र करते हुए कहा गया है कि इसके प्रभाव को लेकर एक साल तक अध्ययन किया गया, लेकिन जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं ली, उन लोगों के साथ इसमें तुलना है ही नहीं। फिर कैसे समझें कि ये साइड्स इफेक्ट्स सिर्फ वैक्सीन लेने वालों को ही हुए। जो साइड इफेक्ट्स बताए जा रहे हैं वो सामान्य साइड इफेक्ट्स है और ये किसी को भी हो सकते हैं।ICMR ने कहा है कि स्टडी में शामिल लोगों के बैकग्राउंड का कोई जिक्र नहीं किया गया। इसमें यह नहीं बताया गया है कि इन लोगों को पहले से किस तरह की परेशानी थी। ऐसे में यह कैसे पता लगाया जा सकता है कि व्यक्ति को साइड इफेक्ट्स वैक्सीन लेने के बाद ही हुए हैं। इसका कोविड-19 की वैक्सीन से जोड़ा जाना सही नहीं है।इस स्टडी में जिस तरह लोगों का डेटा जमा किया गया है वह भी पूरी तरह से एकतरफा है। सर्वे में शामिल लोगों से फोन पर जानकारी ली गई और उनसे पूछा गया कि आपको कौन सी परेशानी है। यह तथ्य भी अपने आप में भ्रामक है क्योंकि इस स्थिति में कोई फिजिकल जांच या ब्लड टेस्ट भी नहीं किए गए।16 मई को इकोनॉमिक टाइम्स ने साइंस जर्नल स्प्रिंगरलिंक में पब्लिश हुई एक रिसर्च के हवाले से लिखा था कि भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन- कोवैक्सिन के भी साइड इफेक्ट्स हैं। रिसर्च के मुताबिक, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) में हुई स्टडी में हिस्सा लेने वाले लगभग एक तिहाई लोगों में कोवैक्सिन के साइड इफेक्ट्स देखे गए।इन लोगों में सांस संबंधी इन्फेक्शन, ब्लड क्लॉटिंग और स्किन से जुड़ी बीमारियां देखी गईं। शोधकर्ताओं ने पाया कि टीनएजर्स, खासतौर पर किशोरियों और किसी भी एलर्जी का सामना कर रहे लोगों को कोवैक्सिन से खतरा है।