- चीन सीमा विवाद पर बोले- सेना हर चुनौती के लिए तैयार
नई दिल्ली
देश के नए सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी को सोमवार (1 जुलाई) को सेरेमनी के दौरान गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। रायसीना हिल्स के साउथ ब्लॉक में हुए इवेंट के बाद 30वें सेना प्रमुख ने अपने भाई के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।जनरल द्विवेदी ने 30 जून को ही बतौर सेना प्रमुख कार्यभार संभाला है। वे जनरल मनोज पांडे के बाद आर्मी चीफ बनाए गए हैं। 19 फरवरी को उन्हें वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बना गया था।13 लाख सैनिकों की सेना का कार्यभार संभालने के बाद जनरल द्विवेदी ने कहा कि सेना, वायुसेना और नौसेना के बीच तालमेल बनाए रखने की दिशा में काम करना उनकी प्राथमिकता होगी।लद्दाख में चीन से चल रहे सीमा विवाद पर आर्मी चीफ बोले भारतीय सेना हर तरह की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार और सक्षम है। जनरल द्विवेदी ने कहा कि भारतीय सेना परिवर्तन की राह पर है और यह डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है। जिओ पॉलिटिकल लैंडस्कैप तेजी से बदल रहा है और टेक्नोलॉजी में बहुत तेज डेवलपमेंट हो रहे हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि हम अपने सैनिकों को लगातार अत्याधुनिक हथियारों और प्रौद्योगिकी से लैस करें और अपनी वॉर स्ट्रेटेजी को डेवलप करना जारी रखें।जनरल द्विवेदी को चीफ ऑफ आर्मी बनाने में सरकार ने सीनियरिटी कॉन्सेप्ट फॉलो किया। इस वक्त आर्मी में जनरल द्विवेदी के बाद सबसे सीनियर अफसर दक्षिणी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह हैं। जनरल द्विवेदी और लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह, दोनों को 30 जून को रिटायर होना था। तीनों सेनाओं के प्रमुख 62 साल की उम्र तक या तीन साल, इनमें से जो भी पहले हो, तब तक सेवा दे सकते हैं। हालांकि, लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों की रिटायरमेंट एज 60 साल है, जब तक कि अधिकारी को फोर स्टार रैंक के लिए अप्रूव नहीं किया जाता है।