- सुप्रीम कोर्ट राज्यपालों को आपराधिक मुकदमे से मिली छूट की जांच को तैयार
नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट संविधान के अनुच्छेद 361 की रूपरेखा की जांच करने के लिए तैयार हो गया है। संविधान का यह प्रावधान राज्यों के राज्यपालों और राष्ट्रपति को किसी भी तरह के आपराधिक मुकदमे से पूरी तरह की छूट देता है।यह मामला बंगाल गवर्नर सीवी आनंद बोस के खिलाफ छेड़छाड़ के आरोप से जुड़ा है। गवर्नर पर राजभवन की महिला संविदा कर्मचारी ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। लेकिन संवैधानिक प्रावधान के चलते उन पर कोई केस दर्ज नहीं हुआ।इसके बाद महिला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई, जिसमें राज्यपाल को छूट देने वाले संविधान के अनुच्छेद 361 की न्यायिक जांच की मांग की है और विशेष दिशा-निर्देश देने की मांग की है।शुक्रवार 19 जुलाई को CJI डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने इस मामले में अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी से मदद मांगी है। साथ ही पश्चिम बंगाल सरकार को भी नोटिस जारी किया है।सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल राजभवन की महिला कर्मचारी से कहा है कि वह अपनी याचिका में केंद्र को भी पार्टी बनाए। महिला ने अपनी याचिका में पश्चिम बंगाल पुलिस से मामले की जांच करने और पीड़िता और उसके परिवार को सुरक्षा देने के साथ-साथ उसकी प्रतिष्ठा को हुए नुकसान के लिए सरकार से मुआवजा दिलाने की भी मांग की है। राजभवन की एक संविदा महिला कर्मचारी ने कोलकाता पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि 24 अप्रैल और 2 मई को राज्यपाल बोस ने राजभवन में उसके साथ छेड़छाड़ की।