नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें गिरफ्तार नेताओं को चुनाव के दौरान वर्चुअल तरीके से प्रचार करने की अनुमति देने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जिसमें याचिका खारिज कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि यह याचिका दुर्भावनापूर्ण इरादे से दायर की गई है। यह एक राजनेता (अरविंद केजरीवाल) पर केंद्रित है। पीठ ने कहा कि हम जनहित में कथित रूप से दायर इस याचिका पर विचार करना आवश्यक नहीं समझते। इसे खारिज किया जाता है। शीर्ष अदालत लॉ के छात्र अमरजीत गुप्ता द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें गिरफ्तार राजनीतिक नेताओं को वर्चुअल मोड के माध्यम से प्रचार करने की अनुमति मांगी गई थी। याचिका को खारिज करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि इससे खूंखार अपराधी, यहां तक कि भगोड़ा गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम भी राजनीतिक दलों में पंजीकरण कराने और प्रचार करने के लिए प्रेरित होंगे। याचिका को ‘अत्यधिक दुस्साहसिक’ और कानून के मौलिक सिद्धांतों के खिलाफ बताते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि अदालतें नीतिगत निर्णय नहीं लेती हैं और ऐसे मुद्दों पर निर्णय करना संसद का काम है।