नई दिल्ली (वी.एन.झा)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को बजट को ‘भेदभावपूर्ण’ बताने के विपक्ष के दावे पर करारा जवाब दिया। वित्त मंत्री ने कहा कि यह एक’अपमानजनक आरोप’ है। उन्होंने कहा कि ऐसे आरोप विपक्षी दलों की ओर से जानबूझकर लगाए जा रहे हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस की अगुवाई में ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि लोगों के बीच यह गलत धारणा फैलाई जा सके कि उनके राज्यों को धन या योजनाएं आवंटित नहीं की गईं।वित्त मंत्री ने यह प्रतिक्रिया विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के उस दावे के बाद दी है जिसमें उन्होंने कहा था कि मंगलवार को पेश किया गया बजट देश के राज्यों के प्रति भेदभावपूर्ण है। राज्य सभा में बोलते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि विपक्ष, खासकर एक वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने बजट पर ऐसी बात कही है इसलिए मैं इसका जवाब दे रही हूं। वित्त मंत्री ने कहा, उन्होंने (खरगे ने) सवाल खड़ा किया कि मैंने कई राज्यों का बजट में नाम नहीं लिया और केवल दो राज्यों का नाम लिया। मैं यहां कुछ बातें कहना चाहूंगी कि भाषण में क्या होता है? कांग्रेस पार्टी इस देश में बहुत लंबे समय तक सत्ता में रही है और उन्होंने इतने सारे बजट पेश किए हैं कि उन्हें स्पष्ट रूप से पता होगा कि हर बजट में आपको इस देश के हर राज्य का नाम लेने का मौका नहीं मिलता है।उन्होंने कहा, “इस साल एक फरवरी में पेश किए गए लेखानुदान और कल पेश किए गए पूर्ण बजट के बीच मैंने बहुत सारे राज्यों का नाम नहीं लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मंत्रिमंडल ने महाराष्ट्र के वाधवन में बंदरगाह बनाने का फैसला किया है, लेकिन कल बजट में महाराष्ट्र का नाम शामिल नहीं किया गया। क्या इसका मतलब यह है कि महाराष्ट्र को खुद को उपेक्षित महसूस करना चाहिए?” वित्त मंत्री ने कहा कि उस परियोजना के लिए महाराष्ट्र के लिए 76 हजार करोड़ रुपये की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा, महाराष्ट्र का नाम लेखानुदान में नहीं लिया गया। राज्य के नाम का उल्लेख कल भी नहीं किया गया था; क्या इसका मतलब यह है कि राज्य की अनदेखी की गई? आगे उन्होंने कहा, “और मैं इतने सारे अलग-अलग राज्यों का नाम ले सकती हूं जिनके पास कई प्रमुख परियोजनाएं हैं। अगर भाषण में किसी राज्य का नाम नहीं है तो क्या इसका मतलब यह है कि भारत सरकार की योजनाएं और कार्यक्रम, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक, एआईबी आदि से मिलने वाली बाहरी सहायता इन राज्यों में नहीं जाती है?’ उन्होंने कहा, ‘वे नियमित रूप से चलते हैं और सरकार के व्यय विवरण में, सरकार के विभागवार आवंटन में इन सभी बातों का जिक्र होता है।”सीतारमण ने कहा, “मैं जिम्मेदारी के साथ कह रही हूं कि यह कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है ताकि लोगों के मन में गलत धारणा बने कि उनके राज्यों को धन या योजनाएं आवंटित नहीं की गईं।
INDIA ब्लॉक के सांसदों का विरोध प्रदर्शन
संसद में आज (24 जुलाई) मानसून सत्र का तीसरा दिन है। कल वित्त मंत्री ने बजट पेश किया था। बुधवार को सुबह सदन शुरू होने से पहले विपक्ष के नेताओं ने संसद के बाहर केंद्र सरकार के बजट के विरोध में प्रदर्शन किया।। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी , सपा प्रमुख अखिलेश यादव समेत इंडी ब्लॉक के सांसदों ने केंद्रीय बजट में विपक्ष शासित राज्यों के साथ कथित भेदभाव को लेकर बुधवार को संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया।INDIA ब्लॉक के नेताओं ने कहा- इस बजट से 90% देश गायब है। सिर्फ बिहार और आंध्र प्रदेश को खुश किया गया है, क्योंकि यहां के मुख्यमंत्रियों के भरोसे केंद्र की सरकार चल रही है। यह मोदी सरकार बचाओ बजट है।’कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ‘यह अन्याय है। हम इसका विरोध करेंगे।’ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ‘यह अन्याय है। हम इसका विरोध करेंगे।’लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद सदन में भी बजट को लेकर हंगामा हुआ। प्रश्नकाल में राज्यसभा में चर्चा के दौरान विपक्ष के नेताओं ने वॉकआउट किया। वे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ शेम-शेम का नारा लगाते हुए सदन से बाहर चले गए।विपक्ष द्वारा बजट को भेदभाव वाला बताने पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- बजट में सभी राज्यों का नाम लेने का मौका नहीं मिलता। कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष के नेता जानबूझकर ऐसे आरोप लगा रहे हैं, ताकि लोगों को लगे कि उनके राज्य को कुछ नहीं मिला। यह ठीक नहीं है।चर्चा के दौरान राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभापति से कहा- माताजी (वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण) बोलने में एक्सपर्ट हैं। इस पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ बोले- वो माताजी नहीं, आपकी बेटी की उम्र के बराबर हैं। इस दौरान नेता मुस्कुराते नजर आए। वहीं, TMC सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि भाजपा अल्पसंख्यकों को टारगेट कर रही है। लोकसभा और राज्यसभा में एक भी मुस्लिम सांसद नहीं है।
ये पार्टियों के आत्म-मंथन करने का समय : सभापति धनखड़
बजट के विरोध में विपक्ष ने आज राज्यसभा से वॉकआउट किया। इस पर राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने कड़ी नाराजगी जाहिर की। सभापति ने कहा अगर ऐसा चलता रहा तो इससे लोकतंत्र गंभीर खतरे में पड़ जाएगा। सभापति ने ये भी कहा कि राजनीतिक पार्टियों के लिए अब आत्म मंथन का समय आ गया है। सभापति ने कहा कि ‘बजट पर आज चर्चा सूचीबद्ध थी और मुझे उम्मीद थी कि नियमों का पालन होगा और माननीय सदस्य बजट पर चर्चा करेंगे, लेकिन अब मुझे ऐसा लगता है कि रणनीति के तहत ये किया गया। मैं सदस्यों से अपील करता हूं कि अगर इसी तरह से सदन में हंगामा होता रहा और इसे राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया गया तो इससे लोकतंत्र गंभीर खतरे में पड़ जाएगा।