बेंगलुरु । कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने गुरुवार को भाजपा और जद (एस) विधायकों के कड़े विरोध के बीच राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) और ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर दिया।विधि मंत्री एच.के. पाटिल ने सदन में प्रस्ताव पेश किया, जिसके बाद स्पीकर यू.टी. खादर ने शोरगुल के बीच सदन में ध्वनिमत से प्रस्ताव पारित करदिया।स्पीकर खादर ने बाद में घोषणा करते हुए कहा कि प्रस्ताव बहुमत से पारित हो गए हैं।’वन नेशन, वन इलेक्शन’ के खिलाफ प्रस्ताव पेश करते हुए पाटिल ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और केंद्र द्वारा इस संबंध में प्रस्ताव संविधान के सिद्धांतों के खिलाफ है।विधि मंत्री ने कहा कि पारदर्शी और विवेकपूर्ण चुनाव कराना लोकतंत्र की आत्मा है।पाटिल ने कहा, ‘’वन नेशन, वन इलेक्शन’ का प्रस्ताव संघीय व्यवस्था के लिए खतरनाक है। राज्य विधानसभा के संबंध में विभिन्न राज्यों की अपनी-अपनी रूपरेखा है। पूरे देश के लिए एक चुनाव का प्रस्ताव राष्ट्रीय स्तर पर अधिक और राज्यों पर कम केंद्रित होगा।”उन्होंने कहा कि इसलिए हम आग्रह करते हैं कि केंद्र सरकार ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ प्रस्ताव पर आगे न बढ़े। इस मामले को चुनाव आयोग के संज्ञान में भी लाया जाएगा।विपक्ष के नेता आर. अशोक ने कहा, ‘’कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा था कि पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने से धन की बर्बादी रोकी जा सकती है और चुनाव कराने की वर्तमान पद्धति से राष्ट्र का विकास बाधित होता है।’’अशोक ने कहा कि कांग्रेस सरकार को मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) में अनियमितताओं के संबंध में पारदर्शिता सुनिश्चित करनी चाहिए और सदन में इस पर बहस की अनुमति देकर लोकतंत्र को बचाना चाहिए।भाजपा विधायकों ने शोरगुल के बीच प्रस्ताव पारित किए जाने के दौरान नारेबाजी की।विधानसभा और लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के प्रस्ताव का विरोध करने वाला एक प्रस्ताव भी पारित किया गया।