हमने कृषि और इससे जुड़े सेक्टर्स के लिए दिए 1.52 लाख करोड़
नई दिल्ली (वी.एन.झा)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को राज्यसभा में बजट पर हुई चर्चा का जवाब दिया। वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में किसी राज्य का नाम नहीं लेने का मतलब यह नहीं है कि उसे पैसे जारी नहीं किए गए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास और सबका विश्वास के सिद्धांत पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सिद्धांत अगले पांच वर्षों में भी जारी रहेगा और हम तब तक इसे जारी रखेंगे जब तक भारत विकसित देश नहीं बन जाता। वित्त मंत्री ने कहा कि बजट के बाद विपक्ष झूठा प्रोपेगेंडा फैलाने की कोशिश कर रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के शासन काल में भी बजट में कई राज्यों के नाम नहीं लिए जाते थे, क्या इसका यह मतलब है कि उस दौरान अन्य राज्यों को पैसे जारी नहीं किए गए। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि यह सिर्फ मैं नहीं कह रही कई प्रतिष्ठित लोगों ने यह बात कही है कि तब (यूपीए के दौरान) किस तरह की चीजें हुईं। रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर ने अपनी किताब में लिखा है कि वित्त मंत्रालय आरबीआई पर अपनी ब्याज दरों को नरम करने के लिए दबाव डालता था और लोगों की भावनाओं को अपने पक्ष में करने के लिए विकास की एक गुलाबी तस्वीर पेश करता था। वित्त मंत्री ने कहा, “नाजुक अर्थव्यवस्था एक ऐसी सच्चाई है जो उनके (यूपीए सरकार के) सामने थी, लेकिन उन्होंने इस पर कार्रवाई नहीं की, बल्कि इसके बजाय आरबीआई पर दबाव डाला। हमने ऐसे उपाय लागू किए जिनसे 2014-15 से 2018-19 के बीच औसत मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत कम हो गई, और आरबीआई के 2-6 प्रतिशत के दायरे में रही। 2020 और 2023 के बीच भारत की मुद्रास्फीति वैश्विक औसत से बहुत कम थी।” वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि कृषि और इससे जुड़े सेक्टर्स के लिए बजट में 1.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. ये धनराशि पिछले वर्ष से 8000 करोड़ रुपये ज्यादा है. तुलना के लिए बता दूं कि 2013-14 में UPA सरकार के अंतिम वर्ष में कृषि के लिए सिर्फ 30000 करोड़ रु का आवंटन हुआ था. उन्होंने ये भी कहा कि इस सदन को 2021-22 में वचन दिया था कि 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को 4.5% के नीचे लाने के लिए काम करेंगे. 2021 में राजकोषीय घाटा 9.2% तक पहुंच गया था. हम अपने लक्ष्य को पूरा करने के रास्ते पर चल रहे हैं. भारत के फेडरल स्ट्रक्चर को लेकर संदेह का वातावरण बनाया जा रहा है. ये स्वस्थ परंपरा नहीं है. हम शुरुआत से ही एक देश, एक निशान, एक विधान कहते आए हैं. कांग्रेस पार्टी अलगाववादियों के लिए रेड कार्पेट बिछाती रही है. कोऑपरेटिव फेडरलिज्म को लेकर इस सदन में काफी बात हुई. बताना चाहती हूं कि राज्यों को 22 लाख 90 हजार 182 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जो पिछले वित्तीय वर्ष से ज्यादा हैं. बजट स्पीच में दो राज्यों को गया है और बाकी राज्यों को कुछ नहीं दिया गया, ये इंडी अलायंस की तरफ से प्रोपेगैंडा फैलाया गया.
आप इंडिया गठबंधन हो ही नहीं सकते
निर्मला जब बोल रही थीं तब विपक्ष की तरफ से कुछ टोका- टोकी हो रही थी। इसी दौरान वित्त मंत्री ने विपक्षी खेमे की तरफ तंज कसते हुए कहा कि आप इंडिया गठबंधन कैसे हो सकते हैं। आप इंडिया गठबंधन नहीं बल्कि इंडि गठबंधन हैं। निर्मला ने इस दौरान उच्चारण करते हुए कहा I डॉट N डॉट D डॉट I डॉट A डॉट यानी इंडि अलायंस।
आपदा को लेकर दी गई चेतावनी, केरल सरकार ने नजरअंदाज की : अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केरल के वायनाड में हुई भूस्खलन की घटना को लेकर बुधवार को राज्यसभा में अपनी बात रखी। उन्होंने केरल की लेफ्ट सरकार को घेरते हुए कहा कि ऐसी आपदा की आशंका के मद्देनजर केरल सरकार को पहले ही आगाह किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि आमतौर पर कई राज्य ऐसी चेतावनियों पर ध्यान देते हैं, लेकिन केरल सरकार ने इसे नजरअंदाज किया। अमित शाह ने वायनाड में भूस्खलन में जान गंवाने वालों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, “इस घटना में जितने भी लोग हताहत हुए हैं और घायल हुए हैं, उन सभी के परिवारजनों के साथ मैं अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।” उन्होंने आगे कहा, “मैं सदन के सामने स्पष्ट करना चाहता हूं कि 23 जुलाई को केरल सरकार को भारत सरकारी की तरफ से चेतावनी दी गई थी। इसके बाद फिर 24 और 25 जुलाई को भी चेतावनी दी गई थी। 26 जुलाई को बताया गया कि 20 सेमी से ज्यादा वर्षा होगी, भूस्खलन होने की संभावना है। मिट्टी भी गिर सकती है और लोग इसमें दब कर मर सकते हैं।” अमित शाह ने आगे कहा, “मैं इसपर कुछ बोलना नहीं चाहता था, मगर भारत सरकार के पूर्ववर्तीय चेतावनी प्रणाली पर सवाल उटाए गए, इसलिए मैं कहता हूं कि क-पया हमें सुनें। चिल्लाइए मत, हमें सुनिए। जो चेतावनी भेजी गई है, उसे पढ़िए।”