नयी दिल्ली
केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडविया ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पिछले एक दशक से महिला श्रमबल को बढ़ाने पर काम कर रही है और इसी का परिणाम है कि अब इसमें वृद्धि हो रही है। मांडविया ने प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि मोदी सरकार को जो विरासत में मिला था, उसको बदलने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में श्रमबल में महिलाओं की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत थी, जो अब बढ़कर 41 प्रतिशत हो गयी है। वर्ष 2017-18 में ग्रामीण श्रम बल में महिलाओं की हिस्सेदारी 27 प्रतिशत थी, जो अब बढ़कर 40 प्रतिशत हो गयी है और शहरी क्षेत्रों में भी यह 43 प्रतिशत से बढ़कर 47 प्रतिशत हो गयी है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को पुरुषों के बराबर लाने की कोशिश जारी है, लेकिन 60 वर्षाें में क्या किया गया। मोदी सरकार ने विधायिका विशेषकर विधानसभा और लोकसभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की है।उन्होंने कहा कि पहले कृषि रोजगार का सबसे बड़ा क्षेत्र था, लेकिन अब सेवा और विनिर्माण इसमें शामिल हो गया है। सेवा क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी 50 प्रतिशत हो गयी है और विनिर्माण में भी इनकी महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है।