नैनीताल । उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बुधवार को प्रदेश में निकाय चुनाव के मामले में सरकार को आड़े हाथ लेते हुए अवमानना की कार्रवाई की चेतावनी दी है। साथ ही कहा कि वह 13 अगस्त तक ठोस प्लान पेश करे। मुख्य न्यायाधीश ऋतु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की पीठ में आज मोहम्मद अनवर की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया सरकार प्रदेश में निकाय चुनाव नहीं करा रही है। सरकार दो दिसंबर और दो जून को दो बार निकायों में प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ा चुकी है। यह उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है। शीर्ष अदालत ने भी अपने आदेश में प्रशासकों के कार्यकाल बढ़ाने को गलत बताया है। याचिकाकर्ता की ओर से आगे कहा कि नौ जनवरी, 2024 को प्रदेश के शहरी विकास सचिव की ओर से कोर्ट में अंडरटेंङ्क्षकग दी गयी कि छह माह के अदंर निकाय चुनाव करा लिये जायेंगे। निकायों में प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ाया नहीं जायेगा लेकिन सरकार ने विगत दो जून को पुन: अधिसूचना जारी कर प्रशासकों का कार्यकाल तीन महीने और बढ़ा दिया है। पीठ ने इसके बाद महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर को अदालत में पेश होने के निर्देश दिये लेकिन वह पेश नहीं हो पाये। सरकार की ओर से इस मामले में सुनवाई के लिये समय की मांग की गयी। पीठ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार को निर्देश दिये कि वह 13 अगस्त तक निकाय चुनावों को लेकर ठोस तथ्य एवं प्लान पेश करे।पीठ ने यह भी कहा कि अन्यथा अदालत सरकार के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई भी शुरू कर सकती है।