नयी दिल्ली (वी.एन.झा)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीमा प्रीमियम पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने के निर्णय पर विपक्ष को कटघरे में खड़ा करते हुए बुधवार को सवाल किया कि क्या विपक्षी दलों ने अपने-अपने शासन वाले राज्यों के वित्त मंत्रियों को इस संबंध में कोई पत्र लिखा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में वित्त विधेयक 2024 (2) पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि बीमा प्रीमियम पर राज्यों द्वारा कर लगाए जाने की व्यवस्था जीएसटी से पहले से चली आ रही है और वही व्यवस्था जीएसटी में समाहित की गई है। उन्होंने कहा कि वह संसद में विपक्ष द्वारा इस विषय में कही गई बातों को जीएसटी परिषद के सामने रखेंगी, क्योंकि परिषद अपनी 31वीं, 37वीं और उसके बाद हुई अपनी बैठकों में इसको लेकर चर्चा कर चुकी है।
पिछले छह वर्षों में राजनेताओं के खिलाफ धनशोधन के 132 मामले हुए दर्ज, सरकार ने संसद में दी जानकारी
सरकार ने संसद को बताया कि पिछले छह वर्षों में मौजूदा और पूर्व सांसदों, विधायकों, विधान पार्षदों, राजनेताओं के खिलाफ मनी लांड्रिंग के कुल 132 मामले दर्ज किए गए हैं।वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि इन मामलों में अदालती सुनवाई कुल तीन मामलों में – एक 2020 में और दो 2023 में पूरी हुई। इन मामलों में 2020 में केवल एक दोषसिद्धि की सूचना मिली थी। वित्त राज्य मंत्री ने राज्यसभा में लिखित उत्तर के हिस्से के रूप में ईडी द्वारा दर्ज इसीआइआर, विचाराधीन मामलों और दोषसिद्धि से संबंधित आंकड़े साझा किए। वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि ईडी द्वारा मनी लांड्रिंग मामलों में दोषसिद्धि दर 93 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि ईडी द्वारा 31 जुलाई तक कुल 7,083 ईसीआइआर या इन्फोर्समेंट केस इन्फार्मेशन रिपोर्ट्स दर्ज की गई हैं।उन्होंने कहा, पीएमएलए के तहत दोषसिद्धि दर करीब 93 प्रतिशत है। मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून या पीएमएलए को एक जुलाई 2005 से लागू किया गया था। मंत्री ने यह भी कहा कि कानून के तहत 1.39 लाख करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति या तो जब्त की गई, फ्रीज की गई या कुर्क की गई है।
शिक्षा के अधिकार को लेकर लापरवाही, चार राज्यों में अब
तक RTE लागू नहीं: केंद्र
छह से चौदह साल की उम्र के सभी बच्चों को नजदीक के स्कूल में निशुल्क व अनिवार्य शिक्षा मुहैया कराने से जुड़े आरटीई ( राइट टू एजुकेशन ) कानून को लागू हुए करीब 15 साल होने को है, लेकिन अभी भी पंजाब, पश्चिम बंगाल, केरल और तेलंगाना ऐसे राज्य है, जिन्होंने इस कानून को नहीं अपनाया है।केंद्र सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी और राज्यों से अपील की कि वह गरीब व कमजोर वर्गों के बच्चों के हितों का ध्यान में रखते हुए इसे जल्द से जल्द लागू करें। राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान आरटीई को लेकर आप और कांग्रेस की ओर से सवाल पूछे गए थे। इस सवाल का जवाब पहले शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने दिया और बताया कि सभी बच्चों को हर हाल में स्कूली शिक्षा से जोड़ने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।