ढाका
बांग्लादेश के नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश सैयद रिफात अहमद ने सोमवार को चेतावनी दी कि न्यायपालिका के किसी भी व्यक्ति के किसी भी गलत काम में शामिल पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई होगी। अहमद अपीलीय प्रभाग में अटॉर्नी जनरल के कार्यालय और सुप्रीम कोर्ट बार की ओर से आयोजित एक स्वागत समारोह में बोल रहे रहे थे।शीर्ष अदालत के मुख्य न्यायाधीश ने छात्र आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों को याद किया। हिंसक प्रदर्शनों के बाद पिछले हफ्ते शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई थी। उन्होंने कहा, “मैं छात्रों और पूरे देश के लोगों को बधाई देता हूं। मैं उन लोगों को भी बधाई देता हूं, जिन्होंने इस आंदोलन का समर्थन किया।” उन्होंने कहा, “छात्रों ने असमानता के खिलाफ एक महान चेतना को जागृत किया है। छात्रों और जनता की क्रांति के कारण मुझे यह जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिसे मैं निभाऊंगा। इस समय हम खंडहर पर खड़े हैं। हमें नए सिरे से शुरुआत करनी होगी।” ‘डेली स्टार’ अखबार की खबर के मुताबिक, “मुख्य न्यायाधीश ने चेतावनी दी कि न्यायपालिका में किसी भी तरह की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” अहमद ने कहा, “अगर न्यायपालिका से कोई भी व्यक्ति किसी भी गलत काम में शामिल पाया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। न्याय के बजाय इतने लंबे समय तक प्रचलित उत्पीड़न की नीति अब खत्म हो गई है।” न्यायपालिका में सुधार की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों के अल्टीमेटम के बाद ओबैदुल हसन को शनिवार को मुख्य न्यायाधीश के पद से इस्तीफा देने को मजबूर होना पड़ा। इसके एक दिन बाद अहमद ने बांग्लादेश के नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। हसन और शीर्ष अपीलीय प्रभाग के पांच अन्य न्यायाधीशों ने शनिवार को हसीना के शासन के पतन के पांच दिन बाद अपना इस्तीफा दिया। उनका इस्तीफा तब आया जब प्रदर्शनकारी छात्र शीर्ष अदालत के परिसर में एकत्र हुए। राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने मुख्य न्यायाधीश को शपथ दिलाई। कार्यक्रम में अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ लेने वाले नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मोहम्मद यूनुस भी मौजूद रहे।