इंदौर और मुंबई के बीच एक नई रेलवे लाइन परियोजना को मंजूरी
खाद्य, पोषण के फसल विज्ञान के लिए 3,979 करोड़, कृषि शिक्षा और प्रबंधन करने के लिए 2,292 करोड़ के कार्यक्रम को मंजूरी
नई दिल्ली (वी.एन.झा)। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया, 2817 करोड़ रुपये के डिजिटल कृषि मिशन को मंजूरी दी गई. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, आज कैबिनेट बैठक में किसानों के जीवन को बेहतर बनाने और उनकी आय बढ़ाने के लिए 7 बड़े फैसले लिए गए हैं. पहला है डिजिटल कृषि मिशन. इसे कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना की संरचना की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है. कुछ अच्छे पायलट प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं और हमें सफलता मिली है. उसी के आधार पर 2,817 करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ डिजिटल कृषि मिशन की स्थापना की जाएगी. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया, दूसरा फैसला खाद्य और पोषण सुरक्षा से जुड़ा है. 2047 के लिए खाद्य सुरक्षा और पोषण सुरक्षा के लिए कैसे तैयार करें – इसे ध्यान में रखते हुए इस कार्यक्रम के लिए 6 स्तंभ स्थापित किए गए हैं जिसमें 3,979 करोड़ रुपये की लागत की जाएगी.सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक के बाद बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि शिक्षा और प्रबंधन को सशक्त करने के लिए 2,292 करोड़ रुपये के प्रावधान वाले कार्यक्रम को स्वीकृति दी. सरकार ने टिकाऊ पशुधन स्वास्थ्य के लिए 1,702 करोड़ रुपये की योजना को भी मंजूरी दी. इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बागवानी के विकास के लिए 860 करोड़ रुपये और कृषि विज्ञान केंद्रों के लिए 1,202 करोड़ रुपये के आवंटन को मंजूरी दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने इंदौर और मुंबई के बीच एक नई रेलवे लाइन परियोजना को मंजूरी दे दी है। रेल मंत्रालय लगभग रु18,036 करोड़ की कुल लागत पर इस परियोजना को कार्यान्वित करेगा।सीसीईए ने सोमवार को एक बयान में कहा इंदौर और मनमाड के बीच नई लाइन सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और गतिशीलता में सुधार करेगी, इससे भारतीय रेलवे की दक्षता और सेवा विश्वसनीयता बढ़ेगी।
गुजरात के साणंद में 3,300 करोड़ रुपये की सेमीकंडक्टर इकाई,केनेस सेमीकॉन प्रतिदिन 60 लाख माइक्रो चिप बनाएगी, केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी
केंद्र सरकार ने देश में जीवंत सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के उद्देश्य से भारत सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) के तहत गुजरात के साणंद में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करने के लिए केनेस सेमीकॉन प्राइवेट लिमिटेड के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। साणंद में सेमीकंडक्टर क्षेत्र के लिए स्वीकृत यह दूसरा प्रस्ताव है। इससे पहले जून 2023 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुजरात के साणंद में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करने के पहले प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। फरवरी 2024 में तीन और सेमीकंडक्टर इकाइयों को मंजूरी दी गई। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स गुजरात के धोलेरा में एक सेमीकंडक्टर फैब और असम के मोरीगांव में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित कर रही है। सीजी पावर गुजरात के साणंद में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित कर रही है। केंद्र सरकार ने बताया है कि सभी चार सेमीकंडक्टर इकाइयों का निर्माण तेजी से आगे बढ़ रहा है और इकाइयों के पास एक मजबूत सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र उभर रहा है। ये चार इकाइयाँ लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश लाएँगी। इन इकाइयों की संचयी क्षमता लगभग सात करोड़ चिप प्रतिदिन है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की सोमवार को यहां हुयी बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। मंत्रिमंडल के निर्णय की जानकारी देते हुए सूचना प्रसारण एवं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रस्तावित इकाई 3,300 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित की जाएगी। ये चार इकाईयां लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश लाएंगी। इस इकाई की क्षमता प्रतिदिन 60 लाख माइक्रो चिप होगी। इस इकाई में उत्पादित चिप विभिन्न प्रकार के अनुप्रयोगों को पूरा करेंगे, जिसमें औद्योगिक, ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रिक वाहन, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार, मोबाइल फोन सहित अन्य क्षेत्र शामिल हैं।