नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन युद्ध को तीन साल हो चुके हैं, और यह संघर्ष अब भी जारी है. इस बीच एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें दावा किया गया है कि भारतीय हथियार निर्माताओं द्वारा बेचे गए तोप के गोले यूरोप के माध्यम से यूक्रेन तक पहुंच गए हैं. रूस के विरोध के बावजूद भारत ने इस पर कोई कदम नहीं उठाया है. भारतीय और यूरोपीय अधिकारियों के साथ-साथ सीमा शुल्क डेटा के अनुसार, पिछले एक साल से रूस के खिलाफ यूक्रेनी हमलों के लिए ये गोला-बारूद निर्यात हो रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन में गोला-बारूद की भारी कमी है और रूसी हमलों को रोकने के लिए इनकी सख्त जरूरत है. भारतीय नियमों के तहत हथियारों का उपयोग केवल खरीददार ही कर सकते हैं, लेकिन इस मामले में हथियारों के यूरोप के जरिए यूक्रेन पहुंचने का पता चला है. रूस ने इस मुद्दे को भारतीय अधिकारियों के साथ कई बार उठाया है, जिसमें जुलाई में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और भारतीय विदेश मंत्री की बैठक भी शामिल है. हालांकि, भारत और रूस के विदेश और रक्षा मंत्रालयों ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.भारत और रूस के बीच लंबे समय से मजबूत संबंध हैं, और रूस दशकों से भारत को हथियारों की आपूर्ति करता आ रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के खिलाफ पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों में शामिल होने से मना कर दिया है. भारत, जो लंबे समय से दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक है, यूरोप में जारी युद्ध को अपने हथियार निर्यात उद्योग को बढ़ाने के अवसर के रूप में देख रहा है. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार, भारत ने 2018 से 2023 के बीच करीब 3 बिलियन डॉलर के हथियारों का निर्यात किया है.