वॉशिंगटन/ नई दिल्ली। खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू के मामले में अमेरिकी कोर्ट के भेजे समन पर भारत ने प्रतिक्रिया दी है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी अदालत के समन पर आपत्ति जताई है और इसे चिंताजनक बताया है.विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘ये मामला पूरी तरह से अनुचित और सरकार की नीति के खिलाफ है. इस मामले की हम गंभीरता से जांच में जुटे हैं. हाईलेवल जांच भी शुरू की गई है और सभी पहलुओं पर बारीकी से नजर रखी जा रही है.’विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी. वो बोले, ‘ये आरोप पूरी तरह से निराधार है. इस केस से हमारे मत में किसी भी तरह का बदलाव नहीं होगा. इस केस को दायर करने वाला शख्स एक गैर कानूनी संगठन का प्रतिनिधित्व करता है. जब इस मुद्दे को हमारे सामने पहली बार लाया गया, हमने तभी कार्रवाई की थी. कट्टरपंथी सिख फॉर जस्टिस का प्रमुख पन्नू भारतीय नेताओं और संस्थाओं के खिलाफ भड़काऊ भाषण और धमकियां देने के लिए जाना जाता है.’खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने न्यूयॉर्क के साउथ डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में मामला दर्ज कराया है. हालांकि, इस विवाद के बीच भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने मीडिया से बातचीत की. उन्होंने कहा कि इस मामले का भारत-अमेरिका संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.अमेरिकी कोर्ट ने खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के आरोप में भारत को समन जारी किया है. इस समन में भारत सरकार समेत कई प्रमुख भारतीय अधिकारियों के नाम शामिल हैं. गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के आरोप में भेजे गए अमेरिकी अदालत के समन में भारत सरकार, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, पूर्व रॉ प्रमुख सामंत गोयल, रॉ एजेंट विक्रम यादव और भारतीय व्यवसायी निखिल गुप्ता का भी नाम है. अहम ये है कि इन सभी से 21 दिनों में जवाब देने मांगा गया है।