भावनगर। व्याख्यान में हाई स्कूल के विद्यार्थियों को गांधी जी के शैक्षणिक विचारों एवं जीवन मूल्यों के बारे में जानकारी दी गयी। गांधी जयंती 2 अक्टूबर की पूर्व संध्या पर शिक्षाविद् कार्यक्रम का आयोजन डॉ. मनहरभाई ठाकर की अध्यक्षता में किया गया। सामूहिक प्रार्थना के बाद विद्यालय के प्राचार्य रसिकभाई हरणिया सहित कार्यक्रम अध्यक्ष ने महात्मा गांधी के चित्र को सूत का पाश पहनाकर नमन किया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए शिक्षक श्री रघुभाई डोबरिया ने मुख्य वक्ता का परिचय दिया जो कार्यक्रम के अध्यक्ष थे और प्रधानाचार्य ने उन्हें प्रतीकात्मक रूप से खादी का रुमाल और पुस्तक देकर स्वागत किया। विद्यालय के बड़ी संख्या में उपस्थित विद्यार्थियों एवं अध्यापकों को भाषण देते हुए डॉ. मनहरभाई ठाकर के शब्दों में, महात्मा गांधी के शैक्षिक विचारों के अनुसार वास्तविक शिक्षा और बुनियादी शिक्षा की अवधारणा को स्पष्ट किया गया था। साथ ही, एक व्यक्ति-से-व्यक्ति विशेष के रूप में गांधीजी की जीवन शैली पर ध्यान केंद्रित करके एक इंसान के रूप में अस्तित्व के विचार को छात्रों को समझाया गया। उन्होंने मनु स्मृति का प्रसंग उद्धृत करते हुए मनुष्य को सच्चा मनुष्य बनने के लिए मनुष्य जैसा मस्तिष्क रखने की अवधारणा समझाई। जिसमें व्यक्तित्व निर्माण की चार संस्थाएं घर, विद्यालय, समाज और राष्ट्र की समझ को उदाहरणों द्वारा स्पष्ट करने लगीं। माता-पिता, शिक्षकों, समुदाय के नेताओं ने शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र के लिए गुणवत्तापूर्ण नागरिकों के निर्माण के लिए प्रेरणा बनकर अपने परिवारों, छात्रों और समाज के नागरिकों को अच्छे नागरिक बनने की प्रेरणा प्रदान करने पर जोर दिया। गांधी ने गांधीवादी विचार, गांधीवादी मूल्यों और लोकतांत्रिक जीवन शैली के आधार पर व्यक्तित्व के पहलुओं को विकसित करने के टिप्स देकर सभी को प्रेरित किया। कार्यक्रम के अंत में रघुभाई डोबरिया ने सभी को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।