अहमदाबाद/वडोदरा/राजकोट। ब्रैथवेट एंड कंपनी लिमिटेड, जो भारतीय रेल मंत्रालय के अधीन एक प्रमुख सार्वजनिक उपक्रम है, को 11 जनवरी 2022 को “मिनीरत्न-I” का दर्जा प्रदान किया गया। यह कंपनी निरंतर लाभ अर्जित कर रही है और 2023-24 में इसका अब तक का सबसे अधिक राजस्व 1,103 करोड़ रहा। 2024-25 के लिए, सितंबर 2024 तक कंपनी ने 588 करोड़ का राजस्व अर्जित किया है। कंपनी की स्थापना 1913 में ब्रैथवेट एंड कंपनी इंजीनियर्स लिमिटेड (यू.के.) की भारतीय सहायक इकाई के रूप में की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य संरचनात्मक इस्पात कार्यों का निर्माण था। 1934 में कोलकाता स्थित क्लाइव वर्क्स में भारतीय रेल के लिए वैगनों का निर्माण शुरू हुआ। कंपनी को 28 फरवरी 1930 को भारत में ब्रैथवेट एंड कंपनी (इंडिया) लिमिटेड के रूप में निगमित किया गया। 1960 में, कंपनी ने हुगली जिले के भद्रेश्वर में एंगस वर्क्स की स्थापना की, जहाँ क्रेन, फाउंड्री उत्पाद और मशीनरी घटकों का निर्माण किया जाता है। 1976 में इसका राष्ट्रीयकरण किया गया और यह भारत सरकार की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी बन गई। 6 अगस्त 2010 से इसका प्रशासनिक नियंत्रण भारतीय रेल मंत्रालय ने संभाल लिया।कंपनी की तीन प्रमुख इकाइयाँ हैं: 1. क्लाइव वर्क्स (कोलकाता) 2. विक्टोरिया वर्क्स (कोलकाता) 3. एंगस वर्क्स (हुगली) ब्रैथवेट एंड कंपनी के मुख्य कार्यक्षेत्रों में शामिल हैं: – वैगन निर्माण, नए-पीढ़ी के वैगनों का डिज़ाइन और विकास, और भारतीय रेल के लिए नए डिज़ाइन वैगनों के विकास हेतु ‘प्रोटोटाइप हब’ के रूप में कार्य करना। – वैगनों का पीओएच/आरओएच और कार्यशालाओं का संचालन और रखरखाव। – वैगनों, कैम्पिंग कोचों और एनएमजी कोचों की मरम्मत और पुनर्वास। – फाउंड्री उत्पाद, क्रेन निर्माण, और कंटेनर निर्माण। – नवीकरणीय ऊर्जा में योगदान, जिसमें डीवीसी कोडरमा में 10 मेगावाट का सोलर पावर प्लांट स्थापित किया गया है। – कौशल विकास, जिसमें वेल्डिंग के लिए उत्कृष्टता केंद्र के माध्यम से प्रशिक्षण देना शामिल है। ब्रैथवेट भारतीय रेल और अन्य उद्योगों के लिए नवाचार और इंजीनियरिंग में अग्रणी भूमिका निभा रही है।