मुल्तान। पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच 7 से 28 अक्टूबर तक होने वाली तीन मैचों की टेस्ट सीरीज इन दिनों चर्चा में है। इस सीरीज के जरिए मेजबान टीम के पास मौका होगा फॉर्म वापसी का, जबकि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप को लेकर इंग्लैंड कोई रिस्क नहीं लेना चाहेगी। मैच में नियमों की देखरेख की जिम्मेदारी वेस्टइंडीज के दिग्गज क्रिकेटर और आईसीसी एलीट पैनल ऑफ मैच रेफरी के सदस्य रिची रिचर्डसन की अगुवाई में मैच अधिकारियों की टीमें करेंगी। दोनों टीमें विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की अंक तालिका में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहेंगी। पहला टेस्ट 7 से 11 अक्टूबर तक मुल्तान क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाएगा। पहले टेस्ट के लिए, श्रीलंका के कुमार धर्मसेना और बांग्लादेश के शरफुद्दौला सैकत, जो दोनों ही आईसीसी एलीट पैनल के अंपायर हैं, मैदानी अंपायर की महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। न्यूजीलैंड के क्रिस्टोफर गैफनी, जो आईसीसी एलीट पैनल का भी हिस्सा हैं, थर्ड अंपायर की भूमिका में नजर आएंगे, जबकि आईसीसी इंटरनेशनल पैनल से पाकिस्तान के आसिफ याकूब चौथे अंपायर होंगे। मुल्तान में ही 15 से 19 अक्टूबर तक होने वाले दूसरे टेस्ट में धर्मसेना मैदान पर अपनी ड्यूटी जारी रखेंगे। शरफुद्दौला सैकत तीसरे अंपायर की भूमिका निभाएंगे, जबकि आईसीसी इंटरनेशनल पैनल के एक अन्य सदस्य पाकिस्तान के राशिद रियाज चौथे अंपायर की भूमिका निभाएंगे। इसके बाद सीरीज का तीसरा और अंतिम टेस्ट मैच रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाएगा, जिसकी शुरुआत 24 अक्टूबर से होगी। गफ्फनी और शरफुद्दौला सैकत मैदानी अंपायर की भूमिका निभाएंगे। धर्मसेना इस मैच में तीसरे अंपायर की जिम्मेदारी संभालेंगे, जबकि पाकिस्तान के फैसल अफरीदी चौथे अंपायर की भूमिका में होंगे।