नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पराली जलाने की घटनाओं से जुड़े केस में सुनवाई की। इस दौरान वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को उसकी विफलता पर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा- CAQM ने ऐसी घटनाओं को रोकने के अपने निर्देश को लागू करने का कोई प्रयास नहीं किया।जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा कि CAQM ने एक भी मुकदमा नहीं चलाया है। इस मुद्दे पर 29 अगस्त को ही बैठक हुई थी। जिसमें 11 में से केवल पांच सदस्य ही मौजूद थे, जहां उसके निर्देशों के क्रियान्वयन पर चर्चा तक नहीं हुई।कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकारों को भी फटकार लगाते हुए कहा कि दोनों राज्यों ने पराली जलाने वाले किसानों से नाममात्र का जुर्माना वसूल किया है। बेंच ने केंद्र सरकार और CAQM को मामले पर एक हफ्ते में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी।
तिरुपति लड्डू विवाद, सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई
आंध्र प्रदेश के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर (तिरुपति मंदिर) के प्रसादम (लड्डुओं) में जानवरों की चर्बी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अब ये सुनवाई कल होगी।30 सितंबर की सुनवाई में जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा- ‘जब प्रसाद में पशु चर्बी होने की जांच CM चंद्रबाबू नायडू ने SIT को दी, तब उन्हें मीडिया में जाने की क्या जरूरत थी। कम से कम भगवान को तो राजनीति से दूर रखें।’इसके बाद 1 अक्टूबर को आंध्र प्रदेश पुलिस ने मामले की SIT जांच रोक दी। राज्य के डीजीपी द्वारका तिरुमाला राव ने कहा कि अभी सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक ये तय किया जाएगा कि SIT जांच को आगे बढ़ाना है या नहीं।वहीं, लड्डू विवाद को लेकर डिप्टी CM पवन कल्याण की 11 दिन की प्रायश्चित दीक्षा जारी है। प्रायश्चित के तहत पवन 1 अक्टूबर से तीन दिन के लिए नंगे पैर तिरुपति मंदिर यात्रा पर हैं।
दीक्षा खत्म होने के बाद वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन करेंगे।