नई दिल्ली
भारत में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या 2030 तक 30 करोड़ तक पहुंच जाने का अनुमान है। नागर विमानन मंत्री के.राममोहन नायडू ने सोमवार को यह बात कही। हाल के वर्षों में डोमेस्टिक पैसेंजर्स की तादाद लगातार बढ़ती रही है। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार हवाई अड्डों के विकास पर करीब 11 अरब डॉलर खर्च कर रही है। फ्रेंच एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (जीआईएफएएस) की तरफ से राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित सम्मेलन में उन्होंने कहा कि भारत और फ्रांस एक मजबूत वैश्विक एसएएफ (सतत विमानन ईंधन) सप्लाई चेन विकसित करने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते सिविल एविएशन मार्केट में से एक है। साथ ही बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए एयरलाइंस अपने बेड़े के साथ-साथ सिस्टम का भी विस्तार कर रही हैं। नायडू ने कहा कि अगले 20-25 वर्षों में 200 और एयरपोर्ट्स के विकसित होने की उम्मीद है। भारत में वर्तमान में 157 हवाई अड्डे, हेलीपोर्ट और वॉटरड्रोम हैं। साल 2025 के आखिर तक चालू एयरपोर्ट की संख्या 200 तक पहुंचने की उम्मीद है। मंत्री ने कहा कि भारत और फ्रांस के बीच साझेदारी की संभावनाएं अपार हैं।डीजीसीए के मुताबिक, जुलाई में भारतीय एयरलाइन कंपनियों ने 12.9 मिलियन से अधिक यात्रियों को हवाई यात्रा कराई। यह पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 7.3 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि है। हालांकि, जुलाई में हवाई यातायात इस वर्ष जून में घरेलू एयरलाइन्स द्वारा ले जाए गए 13.2 मिलियन लोगों की तुलना में कम था। जून में खत्म तिमाही में भारत से आने-जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी देखी हुई थी। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल-जून में भारत से आने-जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय हवाई यातायात में सालाना आधार पर 13% की वृद्धि हुई थी और यह लगभग 17.7 मिलियन यात्रियों तक पहुंच गया।