नई दिल्ली
अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक और एक्शन लिया है। उसने मानव तस्करी करने वाले एक गिरोह के सदस्यों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। चार्जशीट के मुताबिक, गिरोह यूरोपीय और अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाने के लिए चीनी घोटालेबाजों द्वारा चलाए जा रहे साइबर अपराध केंद्रों में काम करने के लिए भारतीयों को लाओस भेजने का काम करता था। जांच एजेंसी ने बुधवार को विशेष अदालत के समक्ष गिरोह के सदस्यों मंजूर आलम उर्फ गुड्डू, साहिल, आशीष उर्फ अखिल, पवन यादव उर्फ अफजल उर्फ अफरोज के साथ मुख्य साजिशकर्ता कामरान हैदर उर्फ जैदी के खिलाफ चार्जशीट दायर की। एनआईए के प्रवक्ता ने बताया, ‘जांच से पता चला है कि सभी पांच लोग लाओ पीडीआर के गोल्डन ट्राइ एंगल क्षेत्र में भारतीय युवाओं को तस्करी करने में शामिल थे। इन युवाओं को नौकरी के बहाने यूरोपीय और अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाने वाले साइबर अपराध को करने पर मजबूर किया जाता था। वे कंसल्टेंसी फर्म अली इंटरनेशनल सर्विसेज के माध्यम से काम करते थे, जो मानव तस्करी के लिए एक मोर्चे के रूप में काम करती थी।’ चार्जशीट के मुताबिक, जैदी ने पूरे ऑपरेशन में मदद की थी। उसने चीनी घोटालेबाजों के चंगुल से भागने की कोशिश करने वाले पीड़ितों से क्रिप्टो करेंसी वॉलेट के माध्यम से पैसे ऐंठे।अधिकारी ने कहा, ‘पवन यादव ने अन्य मध्यस्थ एजेंटों को दरकिनार कर तस्करी किए गए व्यक्तियों को नौकरी के बदले सीधे अपने गिरोह में शामिल कर लिया। उसने उन्हें चीनी कंपनियों में नौकरी पर रखा, जो फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाने और अमेरिका तथा यूरोप के लोगों से चैट करने में शामिल थे। साथ ही इन लोगों को साइबर घोटाले के हिस्से के रूप में क्रिप्टो करेंसी एप में निवेश करने के लिए राजी करता था।’एजेंसी ने कहा कि उसकी जांच में विभिन्न अवैध गतिविधियों में शामिल तस्करों और दलालों के एक सुसंगठित नेटवर्क का खुलासा हुआ है। इनमें बिना लाइसेंस के मानव संसाधन आपूर्ति एजेंसियों के संचालन से लेकर दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में आपराधिक गतिविधियों के लिए संभावित पीड़ितों के अवैध स्थानांतरण और परिवहन तक शामिल हैं। आरोप पत्र में नामित आरोपी सीधे तौर पर हवाई टिकट और दस्तावेजों की व्यवस्था करने तथा गोल्डन ट्राइ एंगल क्षेत्र में संपर्कों की मदद से अवैध सीमा पार करने में शामिल थे।