मुंबई
बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि यदि अग्नि सुरक्षा मानदंडों को लागू नहीं किया गया तो वह मुंबई में सभी विकास कार्यों को रोकने पर विचार करेगा।कोर्ट ने कहा कि 11 अक्टूबर की सुनवाई में कोर्ट कम से कम मुंबई में डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स को दी जा रही परमिशन पर रोक लगाने का आदेश देने पर विचार कर सकता है।चीफ जस्टिस देवेंद्र उपाध्याय और जस्टिस अमित बोरकर की बेंच आभा सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।इस याचिका में संवेदनशील इमारतों के लिए सुरक्षा विशेष नियम और विनियम 2009 के मसौदे को लागू करने की मांग की गई थी।बेंच ने कहा– फाइनल नोटिफिकेशन जारी करने में देर हुई 26/11 के आतंकवादी हमलों के बाद तैयार ‘मैन मेड डिजास्टर के लिए संवेदनशील बिल्डिंग के लिए विशेष विनियमन’ पर फाइनल नोटिफिकेशन जल्द से जल्द जारी करने की मांग की गई थी।बेंच ने कहा- अग्नि दुर्घटनाएं कम नहीं हुई हैं, जिसके कारण कई लोगों की जान चली गई है। पिछले हफ्ते ही आग लगने से हुई दुर्घटना में सिद्धार्थ कॉलोनी, चेंबूर में एक ही परिवार के सात लोगों की मौत हो गई।सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील आदित्य प्रताप ने आरोप लगाया कि शहर में रेसिडेंशियल और कमर्शियल यूनिट के अधिकारी धड़ल्ले से फायर सेफ्टी परमिशन दे रहे हैं, जिससे दुर्घटनाएं हो सकती हैं।चीफ जस्टिस उपाध्याय ने पूछा- क्या नोटिफिकेशन जारी करना, आचार संहिता से प्रभावित है? राज्य सरकार इतने समय से एक साधारण अधिसूचना भी जारी नहीं कर पाई है। आपको किसने रोका? अगर अदालत ने बार-बार आदेश पारित नहीं किए होते, तो आप इस मामले को इतनी दूर तक नहीं उठाते।कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा- इस साल जुलाई में उसने उम्मीद जताई थी कि फाइनल नोटिफिकेशन 2 महीने के भीतर 9 अक्टूबर तक जारी कर दिया जाएगा।