नई दिल्ली। कई विपक्षी सांसदों ने मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर JPC समिति की बैठक में आचार संहिता के घोर उल्लघंन का आरोप लगाया है। पत्र में सांसदों ने ओम बिरला के आग्रह किया है कि वो तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप करे और समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल को द्विदलीय होने के साथ-साथ संसदीय मानदंडों को बनाए रखने के उनके कर्तव्य की याद दिलाएंगे। विपक्षी सदस्यों की बात करें तो कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई, सैयद नसीर हुसैन, इमरान मसूद, डीएमके सांसद ए राजा, एम एम अब्दुल्ला, एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी और टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने पत्र में कहा कि समिति की कार्यवाही अध्यक्ष जगदंबिका पाल द्वारा पक्षपातपूर्ण तरीके से संचालित की गई। सांसदों ने पत्र में कहा कि अध्यक्ष द्वारा समिति के समक्ष साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए अनवर मणिपड्डी को दिया गया निमंत्रण समिति के दायरे और अधिकार क्षेत्र में नहीं है। हम आपसे इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने का अनुरोध करते हैं, और आपसे अपेक्षा करते हैं कि आप समिति के अध्यक्ष को द्विपक्षीय होने और संसदीय मानदंडों को बनाए रखने के उनके कर्तव्य की याद दिलाएंगे। JPC की बैठक को लेकर विपक्षी सांसदों ने कहा कि कई समिति सदस्यों द्वारा जोरदार विरोध के बावजूद कि खड़गे उच्च गरिमा वाले संवैधानिक पद पर हैं और बैठक में मौजूद नहीं हैं अध्यक्ष द्वारा गवाह को बोलने की अनुमति दी गई। इसके साथ ही विपक्षी सदस्यों ने यह भी कहा कि पाल ने समिति के सदस्यों को अपना विरोध दर्ज कराने के लिए पर्याप्त समय देने से इनकार कर दिया। बता दें कि विपक्षी सांसदों की ये नाराजगी कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष अनवर मणिपड्डी के उस बयान पर कई विपक्षी सांसदों द्वारा समिति की बैठक का बहिष्कार करने के एक दिन बाद आया है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और के रहमान खान सहित कई विपक्षी नेताओं का नाम वक्फ संपत्तियों के कथित गबन में लिया था।
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