मुंबई । NCP अजित गुट के नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या की साजिश 3 महीने पहले ही बन रही थी। आरोपी कई बार बिना हथियार के बाबा के घर भी गए थे। यह खुलासा मुंबई क्राइम ब्रांच ने मंगलवार रात किया।पुलिस के मुताबिक पूरी प्लानिंग पुणे में की गई। शूटर गुरमैल सिंह और धर्मराज कश्यप ने यूट्यूब पर वीडियो देखकर शूटिंग सीखी थी। ये लोग मुंबई में बिना मैगजीन के शूटिंग प्रैक्टिस करते थे।12 अक्टूबर की रात बाबा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वे बेटे जीशान के बांद्रा में बने दफ्तर में थे। बाहर निकलते ही उन पर 6 गोलियां चलाई गईं थीं।वारदात के बाद पुलिस ने तीन आरोपियों को अरेस्ट कर लिया। चौथा आरोपी हरीश बालकराम 15 अक्टूबर को बहराइच से पकड़ा गया। 3 अब भी फरार हैं। मर्डर की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई की गैंग ने ली है।मुंबई क्राइम ब्रांच ने अब तक 15 से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज किए हैं, जिनमें घटना के वक्त मौजूद कई चश्मदीद गवाह भी शामिल हैं। 15 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया चौथा आरोपी हरीश बालकराम बिचौलिया था। गिरफ्तार आरोपी प्रवीण और शुभम लोनकर (फरार) ने गिरफ्तार शूटर गुरमैल सिंह और धर्मराज कश्यप को 2 लाख रुपए दिए थे। यह पैसे हरीश के जरिए पहुंचाए गए थे। हरीश, प्रवीण और शुभम का चचेरा भाई है।पैसों के साथ शूटरों को दो मोबाइल फोन भी मुहैया कराए गए थे, हरीश पिछले 9 सालों से पुणे में रह रहा है। आरोपी चैटिंग के लिए स्नैपचैट ऐप और कॉल करने के लिए इंस्टाग्राम का इस्तेमाल करते थे।बाबा सिद्दीकी को पहचानने के लिए आरोपियों को बाबा की फोटो दी गई और बताया गया कि यही टारगेट है। घटना से 25 दिन पहले घर और ऑफिस की रेकी भी की गई थी।