इस्लामाबाद। भारत और पाकिस्तान के बीच सभी तरह के रिश्ते खत्म हो चुके हैं. गरीबी की मार झेल रहे पड़ोसी देश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच फिर से दोस्ती होगी और रिश्ते बेहतर होंगे. एससीओ समिट में हिस्सा लेने पाकिस्तान गए विदेश मंत्री एस. जयशंकर के दौरे के बाद पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने कहा कि गिले शिकवे तो दोनों ही तरफ से हैं लेकिन फिर से दोस्ती हो, इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता. हमसाया कभी अलग नहीं हुआ करते.दरअसल, नवाज शरीफ ने गुरुवार (17 अक्टूबर) को भारतीय मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उनसे जयशंकर की यात्रा को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ये तो अभी शुरुआत है. उम्मीद है कि भारत-पाकिस्तान अतीत को पीछे छोड़कर भविष्य के बारे में सोचेंगे. उन्होंने कहा कि एक समय था जब भारत में बिजली की कमी थी, तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने मुझे पाकिस्तान से बिजली खरीदने के लिए बुलाया था. नवाज शरीफ ने कहा, वे चाहते थे कि प्रधानमंत्री मोदी यहां आएं, उन्हें खुशी है कि विदेश मंत्री जयशंकर यहां आए और एक नई शुरुआत हुई है.नवाज शरीफ ने कहा, भारत और पाकिस्तान दोनों अब व्यापार, जलवायु परिवर्तन, व्यवसाय, उद्योग, खेल आदि में आगे बढ़ सकते हैं. उन्होंने कहा, मुझे उनकी वाजपेयी के साथ मुलाकात याद है और कैसे दोनों ने अच्छे संबंधों की नींव रखी थी. नवाज शरीफ ने कहा कि हमें वहीं से शुरुआत करनी चाहिए, जहां हमने छोड़ा था. पिछले 75 साल ऐसे ही बीत गए. अब 75 और साल बर्बाद न करें.नवाज ने कहा, यह पीएम मोदी का बहुत अच्छा व्यवहार था कि उन्होंने उन्हें अपनी शपथ के लिए आमंत्रित किया और लाहौर में उनके घर जाकर उनकी मां से भी मिलना उनका बहुत दयालु कदम था. उन्होंने कहा, मुझे पीएम मोदी को फिर से आमंत्रित करने और उनका स्वागत करने में खुशी होगी. कभी पुरानी यादों को नहीं भूलता, उनको जकड़ कर रखना है.इस सवाल पर कि क्या पाकिस्तान को अब अपना उच्चायुक्त भारत भेजना चाहिए, नवाज शरीफ ने कहा, “नई शुरुआत हुई है, अवसर नहीं गंवाना चाहिए, अगर बात बनेगी तो सब होगा.” नवाज ने कहा, नवंबर में COP29 में अगर पीएम मोदी और शहबाज शरीफ दोनों जाते हैं तो दोनों को वहां मिलना चाहिए.