भावनगर
अमरेली जिले के सावरकुंडला में सांस्कृतिक विरासत के समान जोगीदास खुमाण की प्रतिमा का अनावरण समारोह। यह मोरारी बापू और गुजरात के पूर्व शिक्षा मंत्री भूपेन्द्रसिंह चुडास्मा की विशेष उपस्थिति में आयोजित किया गया था। आज के समय में एक बागी के लिए इतना बड़ा इनाम आपको कैसा लगता है? लेकिन अगर हम इतिहास का सिंहावलोकन करें, आज के समय में सौराष्ट्र की संस्कृति पर नजर डालें तो हमें बागियों का इतिहास याद आएगा जिसमें जोगीदास खुमाण, रामवाला, भूपत बहारवटियो, कादुमकराणी जैसे कई बागियों का इतिहास हमारे यहां देखने को मिलता है। आज हमें उन सभी बागियों को श्रद्धांजलि अर्पित करनी है, जिन्होंने वचन, अन्याय के सामने अपनी भावना को पवित्रता प्रदान की है। वागड़ा में जब एक जवान बेटी अकेली मवेशी चरा रही होती है, तो शाम के समय जोगीदास खुमाण वहां से गुजरते हैं और जोगीदास खुमान बेटी से पूछते हैं कि क्या वह डरती नहीं है, बेटी जवाब देती है कि अगर जोगीदास खुमाण परगने में संरक्षक हैं, तो डरना क्या? जोगीदास खुमान के इतिहास में कई घटनाएँ घटित हुईं। स्थानीय विधायक महेशभाई कासवाला, सावरकुंडला नगर पालिका की टीम, भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस नेताओं की विशेष उपस्थिति में सावरकुंडला में बागी जोगीदास खुमाण की प्रतिमा का अनावरण किया गया। यह कार्यक्रम मोरारीबापू और पूर्व शिक्षामंत्री भूपेन्द्र सिंह चुडास्मा की उपस्थिति में किया गया।