पुणे। भारतीय टीम को आज जिस शर्मनाक दिन का सामना करना पड़ा है, इससे पहले ऐसा साल 2001 में हुआ था। न्यूजीलैंड ने शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम इंडिया को बैकफुट पर कर दिया है। भारतीय क्रिकेट टीम को आखिर हो क्या गया है। कहां तो तैयारी ऑस्ट्रेलिया जाकर सीरीज जीतने की चल रही थी, अब तो घर पर भी टेस्ट जीतने के लाले पड़ गए हैं। एक मैच में ऐसा हुआ होता तो चल भी जाता, लेकिन अब तो बैक टू बैक दो मैचों में शर्मनाक दिन देखना पड़ रहा है। रोहित शर्मा की कप्तानी में अब तो वो भी हो गया, जो साल 2001 यानी अब से करीब 23 साल पहले हुआ था। रोहित शर्मा अब यहां से अपनी जिम्मेदारी लेने से कैसे बचेंगे। न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज का आगाज बेंगलुरु से हुआ था। इस मैच में टीम इंडिया पहली पारी में केवल 46 रन बनाकर आउट हो गई थी। उस मैच में न्यूजीलैंड ने टीम इंडिया पर 356 रनों की बढ़त ले ली थी और यही बढ़त आखिर में निर्णायक साबित हुई, भारत को मैच गंवाना पड़ गया। एक मैच होता तो कोई बात नहीं, वही कहानी जैसे फिर से दोहराई जा रही हो। अब पुणे में भी करीब करीब वैसा ही हश्र हुआ। पहले मैच में जहां न्यूजीलैंड ने 356 रनों की लीड ली थी, वहीं दूसरे मैच में से लीड 103 रन की थी। लेकिन टीम इंडिया पर घर पर लगातार दो मैचों में 100 रन से ज्यादा लीड लेने के लिए दुनियाभर की टीमों को काफी पापड़ बेलने पड़े हैं। यही वजह है कि पिछले 23 साल ऐसा नहीं हुआ है। इससे पहले आखिरी बार साल 2001 में ऑस्ट्रेलिया ने लगातार दो मैचों में टीम इंडिया पर लीड ली थी। तब मुंबई के वानखेड़े में ऑस्ट्रेलिया ने 173 रनों की लीड ली थी और इसके बाद कोलकाता के ईडन गार्डेंस में 274 रनों की लीड ऑस्ट्रेलियाई टीम ने लीड लेने में सफलता हासिल की थी। तब से लेकर अब तक कभी भी भारत के साथ घर पर ऐसा नहीं हुआ था। लेकिन अब रोहित शर्मा की कप्तानी में आखिर ये दिन भी देखने के लिए मिल ही गया। अब यहां से भारत के लिए मैच बचाना कतई आसान नहीं होता। होने को तो कुछ भी हो सकता है, लेकिन इसके लिए कुछ ऐसा करना होता हो, जिसके बारे में किसी ने भी सोचा ना हो। बड़ी बात ये भी है कि अगर भारतीय टीम पुणे टेस्ट मैच हार जाती है तो सीरीज तो हाथ से जाएगी ही, साथ ही विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल भी पंगे में फंस जाएगा। भारतीय टीम अभी डब्ल्यूटीसी प्वाइंट्स टेबल में टॉप पर है, लेकिन अगर ये मैच हाथ से गया तो काफी ज्यादा नुकसान होगा। उसके बाद ऑस्ट्रेलिया जाकर पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के सारे मैच जीतने होंगे। जो टीम अपने घर पर जीत के लिए तरस रही है, वो ऑस्ट्रेलिया जाकर सभी मैच जीतेगी, इसके बारे में सोचा तक नहीं जा सकता। इसलिए अभी दूसरा मैच जारी है, कुछ भी करके इस मैच को जीतना जरूरी है, ताकि सीरीज बचे और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल का सपना भी बरकरार रहे।