नयी दिल्ली । उच्चतम न्यायालय ने लोकसभा चुनाव के दौरान अश्लील वीडियो लीक होने के बाद सामने आए कई महिलाओं के यौन उत्पीड़न से संबंधित मामलों में निलंबित जनता दल-सेक्युलर (जद-एस) सांसद प्रज्वल रेवन्ना की जमानत याचिका सोमवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने जमानत याचिका पर यह कहते हुए विचार करने से इनकार कर दिया कि रेवन्ना के खिलाफ गंभीर आरोप हैं। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और अधिवक्ता बालाजी श्रीनिवासन की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने कहा,’’आप (रेवन्ना) से बहुत शक्तिशाली हैं।’’ पीठ के समक्ष वकील ने दलील दी थी कि हालांकि आरोप गंभीर हैं, लेकिन शिकायत में शुरू में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 के तहत बलात्कार के आरोपों का जिक्र नहीं है। उन्होंने यह भी दलील दी कि मामले में आरोप पत्र दाखिल हो चुका है, याचिकाकर्ता सांसद थे, जो पहले ही चुनाव हार चुके हैं। वकील ने अदालत से फिर अनुरोध किया कि याचिकाकर्ता को छह महीने बाद आवेदन नवीनीकृत करने की अनुमति दी जाए।
इस पर पीठ ने कहा,’’हम कुछ नहीं कहेंगे।’’