नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के 51वें CJI संजीव खन्ना ने मामलों की सुनवाई को लेकर बनाए जाने वाले रोस्टर में बदलाव किया है। 11 नवंबर को पद संभालने के बाद CJI खन्ना ने फैसला लिया कि CJI और दो सीनियर जजों की अध्यक्षता वाली पहली तीन बेंच लेटर पिटीशन और जनहित याचिकाओं (PIL) की सुनवाई करेंगी।केस अलॉटमेंट के नए रोस्टर के तहत सुप्रीम कोर्ट को लिखे लेटर पर आधारित याचिकाओं और PIL की सुनवाई CJI खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच करेंगी।पूर्व CJI यूयू ललित सभी 16 बेंच को जनहित याचिकाएं सुनवाई के लिए अलॉट कर रहे थे। हालांकि उनके उत्तराधिकारी रहे CJI चंद्रचूड़ ने इस प्रथा को बंद कर दिया था।
केस अलॉटमेंट रोस्टर में यह बदलाव हुए
लेटर पिटीशन और PIL के अलावा, सबजेक्ट के आधार पर CJI की बेंच ज्यादातर मुद्दों पर सुनवाई करेगी। इसमें सामाजिक न्याय, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति के चुनाव से जुड़े विवाद, सांसदों और विधायकों के चुनाव से जुड़े मामले, बंदी प्रत्यक्षीकरण और मध्यस्थता के मामले शामिल हैं। जस्टिस कांत की अध्यक्षता वाली बेंच चुनाव से जुड़ी याचिकाओं पर भी सुनवाई करेगी।जस्टिस जेबी पारदीवाला, सामान्य दीवानी मामलों के अलावा डायरेक्ट-इनडायरेक्ट टैक्स मामलों पर भी सुनवाई करेंगे।
सीनियर जज करेंगे 16 बेंच की अध्यक्षता
CJI समेत तीन सीनियर जजों के अलावा,बाकी 13 जज जस्टिस हृषिकेश रॉय, जस्टिस एएस ओका, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस जेके माहेश्वरी, जस्टिस बीवी नागरत्ना, जस्टिस सीटी रविकुमार, जस्टिस एमएम सुंदरेश, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी, जस्टिस पीएस नरसिम्हम, जस्टिस सुधांशु धूलिया, जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस पंकज मिथल हैं।
भड़काऊ भाषणों के खिलाफ दायर याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सार्वजनिक स्तर पर नेताओं के भड़काऊ भाषण के खिलाफ कार्रवाई को लेकर दायर याचिका खारिज कर दी। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता वकील से कहा कि हेट स्पीच और गलत बयान में अंतर है। दोनों अलग-अलग चीजें हैं। यदि याचिकाकर्ता को कोई विशेष शिकायत है तो वह कानून के अनुसार मुद्दे को उठा सकते हैं। कोर्ट ने मामले में याचिका पर नोटिस जारी करने से इन्कार कर दिया।