नई दिल्ली। अमेरिका में शीर्ष तकनीकी कंपनियों के भारतीय मूल के सीईओ की उपलब्धियों पर जोर देते हुए अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि वे उनके देश में ‘आव्रजन अवसरों’ के कारण पहुंचे। उन्होंने उम्मीद जताई और सिफारिश की कि इस ‘पुल’ को न केवल बनाए रखा जाए, बल्कि इसे और मजबूत किया जाए। यह टिप्पणी अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने सोमवार को अमेरिकी सेंटर में एक समाचार एजेंसी को दिए एक इंटरव्यू में की। यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रंप के जनवरी में पदभार संभालने से पहले आया है। अमेरिका के हालिया चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की ऐतिहासिक वापसी और उनके सत्ता में आने से पहले भारतीय छात्रों और वीजा नीतियों को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। एरिक गार्सेटी ने कहा, मुझे पता है, राष्ट्रपति ट्रंप भारत के बारे में बहुत सकारात्मक सोचते हैं। उनका और प्रधानमंत्री मोदी का बहुत अच्छा संबंध है। मेरी सिफारिश होगी कि इस रिश्ते को बनाए रखें और इसे और मजबूत करें।उन्होंने आगे कहा, अमेरिका से भारत और भारत से अमेरिका जाने वाले लोगों के लिए रास्ता खुला रहना चाहिए। इससे दोनों ही देशों को लाभ होता है। गार्सेटी ने बताया कि कैसे भारतीय प्रवासियों ने अमेरिका को समृद्ध बनाया है। उन्होंने गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसे शीर्ष कंपनियों के सीईओ का उदाहरण दिया, जो आव्रजन के कारण वहां पहुंचे। गार्सेटी ने कहा, जब हम देखते हैं कि गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसे कंपनियों के सीईओ आव्रजन अवसरों के कारण अमेरिका आए, जब हम देखते हैं कि भारतीय अमेरिका में शिक्षा प्राप्त करके लौटते हैं और सरकार, उद्योग, चिकित्सा और अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी बनते हैं, तो यह स्पष्ट होता है कि दुनिया में कम बाधाएं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह रिश्ता रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों पार्टियों के राष्ट्रपति की तरफ से मजबूत किया गया है। अमेरिकी राजदूत ने भारत और अमेरिका के बीच शिक्षा सहयोग पर भी जोर दिया। उन्होंने बताया कि भारतीय छात्र लगातार दूसरे साल अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय छात्रों का सबसे बड़ा समूह हैं। ओपन डोर्स रिपोर्ट 2024 के अनुसार, शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में अमेरिका में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की संख्या 3,31,602 तक पहुंच गई है, जो पिछले वर्ष से 23% अधिक है। उन्होंने कहा, पिछले साल हमने 1.4 मिलियन वीजा जारी किए। इस साल भी हम रिकॉर्ड संख्या में वीजा देने की उम्मीद कर रहे हैं। खासतौर पर छात्र वीजा में बड़ा उछाल आया है। एरिक गार्सेटी ने कहा कि यह रिश्ते को दर्शाता है कि भारत और अमेरिका समान मूल्यों को साझा करते हैं और समान चुनौतियों जैसे जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य और उभरती प्रौद्योगिकियों को मिलकर हल करना चाहते हैं। उन्होंने भारत और अमेरिका के बीच ‘रिश्ते’ को मजबूत बनाए रखने की अपील की और इसे दोनों देशों के लिए लाभकारी बताया। उन्होंने कहा कि यह रिश्ता दोनों देशों के छात्रों, नेताओं और आम जनता के लिए नए अवसर लेकर आएगा।