सरकार प्याज के निर्यात संबंधी सहायता करे ऐसी किसानों की मांग
गोंडल। गोंडल मार्केटिंग यार्ड में प्याज एवं मूंगफली की आवक तेजी से बढ़ रही है जिसके कारण यार्ड से बाहर दोनों ओर माल भरे वाहनों की लम्बी कतार लगी है। एक ओर यार्ड में आवक से अच्छी हो रही है तथा दूसरी ओर अधिकतर किसनों को पोषाय ऐसा भाव नहीं मिलता। इसलिए किसानों में नाराजगी देखने को मिल रही है। क्योंकि किसानों को प्याज बेचने में जो रकम मिलती है वह प्याज उत्पादन में खर्च की गई रकम से भी बहुत कम है। जबकि मूंगफली में समर्थन के सरकारी भाव की अपेक्षा कम भाव में मूंगफली खरीदी जाती है ऐसा किसानों का कहना है। दो दिन पूर्व गोंडल मार्केटिंग यार्ड में अनुमानित 1.20 लाख कट्टïा प्याज की आवक हुई थी तथा मूंगफली की 80 हजार बोरी आवक हुई थी। मार्केटिंग यार्ड में प्रात:काल से शुरू हुई नीलामी में प्याज का 20 किलो का भाव 200 से 900 रुपए तक बोला गया था। इसके साथ मूंगफली का 20 किलो का भाव 800 से 1200 रुपए तक किसानों को मिला था। गोंडल मार्केटिंग यार्ड में सौराष्ट्रभर से किसान अच्छा भाव मिलने की आश में आते होते हैं, परंतु हाल अधिकतर किसान निराश हो रहे हैं। लोधिका से आए किसान अशोक कोटडिया ने बताया कि हमने पांच बीघा में प्याज की बुवाई की थी जिसके पीछे कम से कम लाख से डेढ़ लाख रुपए का खर्च हुआ था तथा अब मिले उत्पादन का भाव मात्र ढाई सौ से तीन सौ रुपए बोला जाता है तो ये पोषाय ऐसा नहीं, औसतन 600 से 700 रुपए भाव मिले तो ही पोषाय ऐसा है। इसी ही प्रकार लोधिका से आए अन्य किसान ने बताया कि उसने भी पांच बीघा में प्याज की बुवाई की थी, बरसात के कारण अधिक खर्च हुआ था। लाख से डेढ़ लाख रुपए खर्च किए जाने के बाद आज प्याज का भाव मात्र 291 रुपए मिलता है जो पोषाय ऐसा नहीं, औसतन 800 रुपए भाव हो तो ठीक है। एक ओर बरसात के कारअ 50 प्रतिशत उत्पादन असफल हो गया है तब सरकार अब प्याज में सहायता करे अथवा बाहर निर्यात करे तो अच्छा भाव मिले। दूसरी ओर मार्केट यार्ड में व्यापारियों ने बात करने पर बताया कि प्याज की क्वालिटी कमजोर है इसलिए 200 से 750 रुपए तक का भाव है। बरसात के कारण किसानों का 70 प्रतिशत प्याज खराब हो गया है, बीस प्रतिशत ही अच्छा रहा है।