जयसुख पटेल सहित के आरोपियों के खिलाफ हत्या की धारा लगाने की पीडि़तों की मांग
मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी
गांधीनगर
मोरबी के ऐतिहासिक झूलता पुल कांड में अजंता कम्पनी के मालिक जयसुख पटेल सहित के आरोपियों के खिलाफ हत्या की धारा जोडऩे, अजंता कम्पनी को आरोपी के रूप में शामिल कर विस्तृत जांच की मांग करती पीडि़तों की याचिका निचली कोर्ट द्वारा नामंजूर किए जाने से अब यह समग्र मामला गुजरात हाईकोर्ट के समक्ष पहुंचा है। निचली अदालत के अर्जी पर पीडि़तों को राहत नहीं देते फैसले को रद्द करने की मांग के साथ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई तथा अंतरिम राहत रूप ट्रायल पर स्टे रख विस्तृत जांच का आदेश देने की मांग याचिकाकर्ता ने की है। इस याचिका की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के जस्टिस संदीप भट्टï ने सरकार सहित के प्रतिवादियों को नोटिस दिया है तथा ट्रायल पर स्टे रखने के संदर्भ में भी नोटिस दिया है। इस संदर्भ में हाईकोर्ट अगली सुनवाई 6 जनवरी को करेगी। इस मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से एडवोकेट उत्कर्ष दवे एवं एडवोकेट राहुल शर्मा ने हाईकोर्ट के समक्ष दलीलें की थीं कि इस मामले में कम्पनी को आरोपी के रूप में प्रदर्शित नहीं किया गया। इसके अलावा धारा 173 के तहत विस्तृत जांच करने की मांग करती एक याचिका निचली कोर्ट के समक्ष की गई थी। याचिकाकर्ता पीडि़तों का मानना है कि इस केस में ऐसे सबूत सामने आए हैं कि जिसमें 302 यानि कि हत्या की धारा आरोपियों के खिलाफ जोड़ी जा सकती है। जबकि यह याचिका कोर्ट ने रद्द कर दी थी। इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका की गई है। मंगलवार को इस केस की सुनवाई में एक चरण में हाईकोर्ट के जसिट्स संदीप भट्टï ने राज्य सरकार सहित के प्रतिवादियों को नोटसि देने का मौखिक आदेश दिया था। परन्तु याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट ने मांग की थी कि इस मामले में ट्रायल पर स्टे रखने का आदेश हाईकोर्ट द्वारा दिया जाए। तब हाईकोर्ट ने ऐसी टिप्पणी की थी कि मुझे याचिकाकर्ता पीडि़तों के प्रति पूर्ण सहानुभूति है, परन्तु कानून की चार दीवार के बीच ही कोर्ट को कार्रवाई करनी पड़ती है। उसके बाहर जाकर कुछ नहीं किया जा सकता। इसकी अगली सुनवाई आगामी 6 जनवरी को की जाएगी।