नई दिल्ली। महंगाई के मोर्चे पर नवंबर महीने में लोगों को मामूली राहत मिली। सांख्यिकी व कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दर बीते महीने 5.48% रही। इससे पहले अक्तूबर में खुदरा महंगाई दर 6.21% थी। भारतीय रिजर्व बैंक ने खुदरा मुद्रास्फीति को 4% पर रखने का लक्ष्य रखा है, जिसमें दोनों ओर दो प्रतिशत अंकों की सहनशीलता सीमा तय की गई है। गुरुवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार खुदरा मुद्रास्फीति दर नवंबर में धीमी होकर 5.48 प्रतिशत पर आ गई। अक्तूबर में यह 6.21 प्रतिशत थी। खुदरा महंगाई घटने का मुख्य कारण खाद्य पदार्थों, विशेषकर सब्जियों की कीमतों में नरमी आना है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से जारी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति घटकर 9.04 प्रतिशत रह गई। अक्तूबर में यह 10.87 प्रतिशत और नवंबर 2023 में 8.70 प्रतिशत रही थी। एनएसओ ने कहा, “नवंबर 2024 के महीने के दौरान सब्जियों, दालों और उत्पादों, चीनी और मिठाई, फलों, अंडे, दूध और उससे जुड़े उत्पादों, मसालों, परिवहन और संचार व व्यक्तिगत देखभाल जैसे उपसमूहों में मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है।”
आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए महंगाई का अनुमान बढ़ाया
सीपीआई आधारित हेडलाइन मुद्रास्फीति जुलाई-अगस्त के दौरान औसतन 3.6 प्रतिशत से बढ़कर सितंबर में 5.5 प्रतिशत और अक्तूबर 2024 में 6.2 प्रतिशत हो गई थी। यह आंकड़ा सितंबर 2023 के बाद से एक वर्ष से अधिक समय में सबसे अधिक था। बीते सप्ताह, रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति अनुमान को 4.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.8 प्रतिशत कर दिया है। आरबीआई ने यह भी कहा कि खाद्य कीमतों पर दबाव के कारण दिसंबर तिमाही में महंगाई दर के ऊंचे स्तर पर बने रहने की संभावना है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित हेडलाइन मुद्रास्फीति जुलाई-अगस्त तिमाही के दौरान औसतन 3.6 प्रतिशत थी।