- न्याय के लिए मोमबत्ती नहीं जलानी पड़ेगी; बीजेपी बोली- ये शरिया कानून की तरफ इशारा
कोलकाता
पश्चिम बंगाल में ममता सरकार के मंत्री फिरहाद हकीम के एक बयान पर विवाद हो गया है। एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए फिरहाद ने कहा कि आज मुस्लिम भले ही अल्पसंख्यक हों, लेकिन समय आएगा जब हम भी बहुसंख्यक होंगे। हमें न्याय के लिए मोमबत्ती नहीं जलानी पड़ेगी। फिरहाद के इस बयान पर भाजपा ने आपत्ति जताई है। भाजपा के आईटी सेल प्रभारी अमित मालवीय ने हकीम के बयान की आलोचना की। मालवीय ने कहा- हकीम का यह बयान शरिया कानून के समर्थन की तरफ इशारा कर रहा है। फिरहाद हकीम 13 दिसंबर को कोलकाता में अल्पसंख्यक छात्रों से जुड़े एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
कार्यक्रम में फिरहाद ने न्यायपालिका में मुसलमानों के कम प्रतिनिधित्व पर भी अपनी बात रखी। कलकत्ता हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चुनिंदा मुस्लिम जस्टिस की ओर इशारा करते हुए हकीम ने सुझाव दिया कि सशक्तिकरण और कड़ी मेहनत से इस अंतर को पाटा जा सकता है। हकीम ने कहा- हम मानते हैं कि अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य राष्ट्र की प्रगति को सुविधाजनक बनाने के लिए अन्य समुदायों के साथ मिलकर काम करते हैं। भाजपा सांसद और पश्चिम बंगाल के बीजेपी प्रमुख सुकांत मजूमदार ने कहा कि TMC नेता फिरहाद हकीम खुलेआम सांप्रदायिक नफरत भड़काने और एक खतरनाक एजेंडे को आगे बढ़ाने का काम कर रहा है। यह सिर्फ नफरत फैलाने वाला भाषण नहीं है। यह भारत में बांग्लादेश जैसी स्थिति पैदा करने जैसा है। इंडी अलायंस चुप क्यों है? मैं उन्हें इस पर अपनी राय व्यक्त करने की चुनौती देता हूं। हमारा देश अपनी एकता और अखंडता के लिए इस तरह के खतरों को बर्दाश्त नहीं करेगा।