बंगलूरू । भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में लंबी छलांग लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। दरअसल इसरो ने अपने महत्वकांक्षी गगनयान मिशन की लॉन्चिंग की तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत इसरो के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में एचएलवीएम3 (ह्युमन रेटेड लॉन्च व्हीकल मार्क-3) की असेंबली शुरू कर दी गई है। गगनयान मिशन को साल 2025 में लॉन्च किया जाना है। यह तैयारियां ऐसे समय हो रही हैं, जब इसरो के एलवीएम3-एक्स मिशन को 10 साल पूरे हो गए हैं। साल 2014 में एलवीएम-एक्स मिशन को लॉन्च किया गया था और अब ये एचएलवीएम-3, उसी एलवीएम-एक्स का उन्नत रूप है। एलवीएम मिशन के जरिए इंसानों को अंतरिक्ष में भेजने का परीक्षण किया गया, जिसमें मिशन की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग और क्रू मॉड्यूल की रिकवरी शामिल थी। एलवीएम के जरिए 3,775 किलोग्राम क्रू मॉड्यूल को अंतरिक्ष में 126 किलोमीटर ऊंचाई पर ले जाया गया। 2014 का मिशन बंगाल की खाड़ी में सफलतापूर्वक उतरा था। गगनयान मिशन में तीन अंतरिक्षयात्रियों को तीन दिन के मिशन के लिए पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजा जाएगा और फिर उन्हें भारतीय समुद्री जल में उतारकर सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाया जाएगा। साल 2019 में गगनयान मिशन को आधिकारिक रूप से मंजूरी मिली। अब एचएलवीएम3 को इंसानों को अंतरिक्ष में ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें अंतरिक्षयात्रियों की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा गया है। यह 53 मीटर लंबा तीन चरणीय यान है, जिसका कुल वजन 640 टन है और यह 10 टन के वजन को पृथ्वी की निचली कक्षा में ले जाने में सक्षम है। साथ ही इसमें क्रू एस्केप सिस्टम भी इंटीग्रेट किया गया है, जिसकी मदद से अंतरिक्षयात्री स्पेस में यान से बाहर निकल सकेंगे।