क्रांतिगुरु श्यामजी कृष्ण वर्मा कच्छ विश्वविद्यालय का 14वां स्नातक समारोह: 5530 छात्रों ने दीक्षा ली: 37 छात्रों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया
कच्छ। कच्छ के क्रांतिगुरु श्यामजी कृष्ण वर्मा विश्वविद्यालय का 14वां स्नातक समारोह आज भुज में राज्यपालश्री और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति आचार्य देवव्रतजी की उपस्थिति में आयोजित किया गया। 5530 विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर एवं स्नातकोत्तर उपाधियाँ प्रदान की गईं। 37 विद्यार्थियों को उनकी शैक्षणिक उपलब्धि के लिए स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। इस दीक्षांत समारोह में राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत जी ने श्रेष्ठ कर्म को जीवन की पूंजी बताया और युवाओं से ईमानदारी, कर्तव्य, राष्ट्र धर्म, समाज धर्म, पारिवारिक धर्म के साथ भारत के विकास में सहयोग देने का अनुरोध किया। सत्य और कर्तव्य को सुख का आधार मानकर उन्होंने विद्यार्थियों को जीवन में सत्य का पालन करने, दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करने, धर्म की सही परिभाषा समझाकर आजीवन विद्यार्थी बने रहने और अर्जित ज्ञान को लोक कल्याण के लिए उपयोग करने की शिक्षा दी। समाज। राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत जी ने दीक्षांत समारोह का महत्व बताते हुए गुरु के गुणों को अपनाने, कमजोरी नहीं, बल्कि अपनी वाणी, व्यवहार, कर्म और धर्म से चारों ओर खुशियां प्रदान करने को कहा। राज्यपाल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र भाई मोदी की देश के प्रति प्रतिबद्धता, सकारात्मक सोच के साथ कर्तव्यनिष्ठा को आदर्श बताया और सभी विद्यार्थियों से उनसे प्रेरणा लेकर भारत के विकास में इसी तरह कर्तव्यनिष्ठा दिखाने को कहा। राज्यपाल ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत दुनिया की पांचवीं अर्थव्यवस्था बन गया है और अब तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है. हर क्षेत्र में विकास में अग्रणी भारत आत्मनिर्भर बनकर और अधिक विकास कर रहा है। आज जब देश की सीमाएं अधिक सुरक्षित हो गई हैं तो युवाओं से आग्रह है कि वे प्रधानमंत्री के विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए जीवन में अधिकार की भावना से अधिक कर्तव्य को महत्व दें। श्री आचार्य देवव्रत जी ने विद्यार्थियों से अपील की कि वे आज ही डिग्री प्राप्त करें, पर्यावरण संरक्षण, जल प्रबंधन के साथ-साथ भारतीय संस्कृति को अपनाएं और इसका संदेश दुनिया तक पहुंचाएं, नशा मुक्त जीवन अपनाएं और लोगों को प्राकृतिक खेती की ओर मोड़ें। इस अवसर पर अतिथि वक्ता के रूप में वैदिक मिशन ट्रस्ट के स्वामी धर्मबंधुजी ने युवाओं को जीवन में भविष्य की चुनौतियों जैसे जनसंख्या वृद्धि, पानी की कमी, समुद्र स्तर में वृद्धि, खाद्य असुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और एआई से उत्पन्न होने वाली संभावित समस्याओं के बारे में जानकारी दी। उनके समाधान के लिए क्या किया जा सकता है, इसकी जानकारी छात्रों को दी गई। उन्होंने छात्रों को स्वास्थ्य देखभाल, ज्ञान, अनुशासन, आत्म-जागरूकता, आत्म-शिक्षा, कड़ी मेहनत, अच्छी संगति, स्वयं के साथ प्रतिस्पर्धा और एक अच्छा जीवन बनाने के लिए असामाजिक तत्वों का बहादुरी से सामना करने के बारे में सिखाया। दीक्षांत समारोह में 37 स्वर्ण पदक विजेताओं को राज्यपाल द्वारा उपाधियों के साथ पदक प्रदान किये गये। साथ ही पीएचडी छात्रों को प्रोत्साहित किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के चांसलर डाॅ. मोहनभाई पटेल ने संग्रहालय, भारतीय ज्ञान परंपरा केंद्र, मॉल, जिम, कैफेटेरिया आदि के निर्माण तथा ऑडिटोरियम, नये परीक्षा भवन आदि निर्माणाधीन विकास कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कच्छ विश्वविद्यालय को न केवल गुजरात में बल्कि भारत में एक विशेष पहचान दिलाने का संकल्प व्यक्त किया। कार्यक्रम की शुरुआत में राज्यपाल आचार्य देवव्रतजी को कच्छ यूनिवर्सिटी में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता श्री आर.आर. पटेल, कलेक्टर श्री अमित अरोरा, जिला विकास अधिकारी श्री एस.के.प्रजापति, पश्चिम कच्छ एस.पी. श्री विकास सुंडा, भुज प्रांत अधिकारी श्री अनिल जादव, रजिस्ट्रार डॉ. अनिल गोर, ईसी सदस्य, संकाय डीन, कॉलेज प्राचार्य, शिक्षक, कर्मचारी और छात्र उपस्थित थे।